Phalodi, Jodhpur News: जिले के एसएस नगर गांव में एक अजीबोगरीब विवाह समारोह देखने को मिला, जिसमें एक बछड़ा और एक बछिया विवाह के बंधन में बंधते हुए सात फेरे लेते देखे गए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्राप्त जानकारी के अनुसार, फलोदी के एसएस नगर गौशाला से बछड़े की बारात खीचन स्थित एक किसान के खेत गई, जहां वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित कर बाकायदा विधि विधान से दोनों बछड़े बछिया का वैदिक मंत्रों उच्चार के साथ विवाह संपन्न करवाया गया, जिसमें बछड़े को वर के रूप में दूल्हा बनाकर उसके सिर पर सेहरा बांधकर बकायदा बारात निकाली गई, जो बछिया के पीहर यानी एक किसान के खेत पहुंची. 


यहां विधि विधान से विवाह रचाया गया. कार्यक्रम के आयोजन करने वाले लोगों का मानना है कि पूर्णिमा के अवसर पर इस विवाह समारोह के आयोजन करने के पीछे गौमाता को राष्ट्रमाता और गौ संरक्षण और संवर्धन का मुख्य उद्देश्य है. लोगों का मानना है कि पूर्णिमा के दिन बछड़े बछिया का विवाह करवाने से गांव में सुख समृद्धि और किसानों के खेत खलिहान में वृद्धि के साथ ही को गौ संरक्षण को बढ़ावा मिलता है. 


बछड़े की बारात में बाकी बछड़े या गौवंश नहीं देखे गए लेकिन दूल्हे के रूप में एक अकेला बछड़ा जरूर देखा गया, जिसकी बारात खींचन स्थित एक किसान के खेत में पहुंची, जहां ग्रामीणों की उपस्थिति में विवाह समारोह संपन्न हुआ. बता दें कि जिले में इस तरह के विवाह समारोह का ये एक पहला मामला है, जो धार्मिक आस्था से ओतप्रोत जिले में चर्चा का विषय है.


 


पढ़ें जोधपुर की एक और खबर
राजस्थान में यहां मुर्दों ने बीच खेत से निकलवा दी सड़क! सरपंच की शर्मनाक करतूत


फलोदी जिले के लोहावट विधानसभा क्षेत्र की ढे़लना ग्राम पंचायत में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां मृतकों को ही जिंदा बताकर उनसे सड़क निर्माण कार्य की सहमति ले ली, जिससे मृतक के परिवार वालों में स्थानीय ग्राम पंचायत के खिलाफ बड़ी नाराजगी देखी का रही है.


खासकर तब जब जुताई कर रहे खेतों के बीचों बीच अनावश्यक सड़क निर्माण कार्य का बेहूदा फैसला, जिसकी उन्हें जानकारी तक नहीं चोरी छुपे ऐसा प्रस्ताव यहां निवास करने वाले तकरीबन 30 से 35 परिवारों की मुसीबत बनकर खड़ा है. 


यहां निवास करने वाले बुजुर्गो व लोगो ने बताया कि सरपंच प्रेम सिंह अपनी मनमानी करते हुए जहां सड़क की आवश्यकता है जैसे स्कूल के आगे से जहा बड़े बड़े रेतीले टीले है इतना ही नहीं स्कूल में पेयजल संकट है.वहां सड़क निर्माण कर व पेयजल व्यवस्था ना कर हमारे खेतो का स्वरूप खराब कर सरपंच अपने पद का दुरपयोग कर मनमाने ढंग से हमारे बिना पूछे सड़क निर्माण कार्य करवाने पर उतारू है.