Jodhpur News: केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अफगानिस्तान,बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू करने वाली है. नए कानून के लागू होने से ना केवल जोधपुर बल्कि राजस्थान के कई जिलों में रहने वाले हजारों विस्थापितों को राहत मिलेगी. भारतीय नागरिकता ना होने की वजह से मूलभूत सुविधाओं से वंचित ये प्रवासी अपने ही देश में बेबसी महसूस कर रहे हैं.


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ऐसे में केन्द्र सरकार का नया कानून राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में रहने वाले इन गैर मुस्लिम प्रवासियों के लिए बड़ा मददगार साबित होगा.इन लोगो से जी मीडिया ने बात करके उनसे ही जाने नए कानून को लेकर क्या है उनके मन में,क्या होगा नए कानून से, क्या मिलेगा इन प्रवासियों को,क्या है सीएए? नागरिकता संशोधन अधिनियम,2019 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है.


जिसके द्वारा सन 1955 का नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गई है कि 31 दिसम्बर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी.


 सीएए लागू होने से सरकार ने साफ किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। सीएए का उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए फास्ट-ट्रैक मार्ग प्रदान करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 में संशोधन करना है, जो अपने यहां धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर गए थे.


क्या कहते हैं पाक विस्थापित


भारत देश को आजादी के विभाजन के साथ छोड़कर पाकिस्तान चले गए लेकिन समय के साथ पाकिस्तान में इन गैर मुस्लिम हिन्दूओं के साथ जो व्यवहार हुआ उसकी वजह से पाकिस्तान छोडकर दुबारा भारत लौट आए. वतन वापसी के बावजूद भारत में इनको प्रवासी का दर्जा मिलने लगा इनको अपनाया तो गया, लेकिन नागरिकता के अभाव में मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया. ना तो भारतीय नागरिकता मिली और ना ही बसने के लिए स्थाई ठिकाना,पाकिस्तान से भारत लौटे इन विस्थापितों को वीजा तो मिला लेकिन बार बार उस वीजा की अवधि बढाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं. 


उनके लिए मुश्किल भरा दौर है एक ओर पाकिस्तान छोडकर आए तो दूसरी ओर अपने ही देश में विस्थापितों का जीवन जी रहे हैं. यहां पर शहरों से दूर जंगल,पहाड और आबादी से दूर रहने के लिए मजबूर हैं.नया नागरिकता संशोधन कानून 2019 भारतीय संसद द्वारा पारित करने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. जिसमें शाहीन बाग दिल्ली मुस्लिम समुदाय ने बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था,जिसको लेकर पाकिस्तान से आए हुए हिंदुओं में काफी निराशा पाई गई, उसको लेकर राजस्थान में भाजपा और निमित्तकम संस्था के अध्यक्ष जय आहूजा, डॉक्टर ओमेंद्र रतनू , हिंदू विस्थापन संघ के अध्यक्ष गणेश बिंजानी,विस्थापितों के अध्यक्ष डॉ भागचंद भील ने जयपुर व जोधपुर में सैकड़ो पाक विस्थापितों के साथ विरोध प्रदर्शन किया.



पाकिस्तान से आने विस्थापितों ने कहा कि आजादी के वक्त भारत छोडकर पाकिस्तान में रुक गए, लेकिन समय के साथ वहा हिन्दूओं के साथ जैसा व्यवहार होने लगा कि धीरे धीरे संख्या कम होती गई.जबरन धर्म परिवर्तन,बहन बेटिया सुरक्षित नही,व्यापार करना और जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया तो अपनो की याद आई.


भारत का वीजा प्राप्त करने में मुश्किले भी आई लेकिन उसके बावजूद जैसे तैसे कर अपने वतन लौट आए. वतन वापसी तो हो गई लेकिन यहा पर भी अंधेरे में रहना पडता है ताकि कोई यहा से बाहर ना भेज दे. जीवन यापन के लिए मजदूरी का सहारा लेकर दिन तो बिता रहे है लेकिन सर उठा के चलने के लिए नागरिकता भी आवश्यक है.



नया कानून नई उम्मीद लेकर आ रहा है अपनो के बीच रहते है अपनो से दूरी रखने के लिए मजबूर ये लोग मुख्याधारा से जुड़ने के लिए तैयार है लेकिन नए कानून के लागू होने का इंतजार कर रहे है. कानून के लागू होने के साथ ही इन लोगो को भारतीय नागरिकता के साथ मूल भूत सुविधाए तो मिलेगी ही आधार कार्ड राशन कार्ड और बिजली पानी की सुविधाओं के साथ केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिल पाएगा.इन लोगों ने कहा कि नए कानून के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद जो गरीबों के लिए इतना कुछ कर रही है.हमे अपनो से जोड़ने के लिए कानून लागू कर रही है.


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