Jodhpur: पंजाब-हरियाणा के गैंगेस्टर लॉरेंस विश्नोई से जुड़े बदमाशों की संपत्ति और हथियारों को लेकर एनआईए टीम ने आज जोधपुर में भी जांच शुरू की. बताया जा रहा है कि कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर अलग-अलग टीमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सर्च कर रही है. 


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इसी कड़ी में मंगलवार को  लॉरेंस बिश्नोई  से जुड़े हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू के जोधपुर शहर में वितरांग सिटी और ग्रामीण इलाकों में एनआईए टीम पहुंची. यहां से मांजू अपना नेटवर्क चलाता है. जानकारी के अनुसार रंगदारी, फायरिंग और हत्या के कई मामलों में लॉरेंस के गुर्गों की भूमिका  सामने आई थी.


जोधपुर के वितराग सिटी में कैलाश मांजू  का बंगला है. जहां एनआईए की टीम ने  सर्च किया.  बालेसर क्षेत्र में रहने वाले कैलाश मांजू के ठिकानों पर एनआईए ने यहां लॉरेंस से जुड़े बदमाशो की संपत्ति से लेकर हथियारों इत्यादि की  जानकारी ले रही है. लॉरेंस बिश्नोई का जोधपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क  काम करता है. कॉल रिकॉर्ड के आधार पर अब एनआईए टीम इनसे जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है. 


कब हुई कैलाश मांजू की क्राइम जगत में एंट्री


जानकारी के अनुसार कैलाश मांजू का जन्म राजस्थान के जोधपुर के भाटेलाई पुरोहितान में हुआ था. मांजू के पिता रामचंद्र विश्नोई सरपंच थे, लिहाजा परिवार में किसी प्रकार की आर्थिक समस्या नहीं थी. ये 4 भाई हैं. जवराराम, सहीराम, खेताराम और बंशीलाल. कैलाश मांजू (Kailash Manju) भाईयों में सबसे छोटा था. पढ़ाई शुरू तो की, लेकिन वर्ष 2000 में 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ ही दी. इसके बाद बड़े भाई बंशीलाल (Bansi Lal) की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करना शुरू किया. वर्ष 2003 में अहमदाबाद (Ahmedabad) से वापिस अपने गांव आया.


बासनी थाना, जोधपुर में पहली FIR


वर्ष 2003 में अहमदाबाद से लौटने के बाद एक झगड़ा होता है. जानकारी के अनुसार कैलाश मांजू के मामा रामलाल के साथ तेजाराम नामक युवक ने मारपीट की. इसका प्रतिशोध लेने के लिए दोस्त दिनेश मांजू  (Dinesh Manju) और पूराराम काकड़ के संग मिल तेजाराम के हाथ पैर तोड़ दिए. इस केस में जोधपुर (Jodhpur)  के बासनी थाने में FIR दर्ज हुई. कैलाश मांजू (Kailash Manju) पर अब तक दर्ज 40 से अधिक मामलों में यह पहला मामला था.