Jodhpur News: वर्षा जल संचयन के लिए वरदान साबित हो रही सामुदायिक फार्म पौण्ड योजना, पहले से अधिक मुनाफा कमा रहे किसान
Community Farm Pound Scheme: जोधपुर में भूमिगत जल काफी गहराई मे जाने से खेतीं सिचांई जल की कमी होना स्वाभाविक है. किसान धरती से उत्पादन के लिए प्राकृतिक आपदाओं से संघर्ष के लिए कटिबद्ध है. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान में पानी की एक एक बूंद कीमती है. ऐसे जहां पानी की बचत करनी हो, तो सबसे बेहतरीन योजना है फार्म पौण्ड.
Jodhpur News: जोधपुर में भूमिगत जल काफी गहराई मे जाने से खेतीं सिचांई जल की कमी होना स्वाभाविक है. किसान धरती से उत्पादन के लिए प्राकृतिक आपदाओं से संघर्ष के लिए कटिबद्ध है. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान में पानी की एक एक बूंद कीमती है. ऐसे जहां पानी की बचत करनी हो, तो सबसे बेहतरीन योजना है फार्म पौण्ड. वर्षा के दिनों मे खेतों से बहकर अन्यत्र जाने वाला बरसात का पानी जो अमृत से कम नही है. इसको संचय कर कैसे खेतीं मे उपयोग कर फसल का वांछित लाभ प्राप्त कर रहे कई किसान. जोधपुर जिले मे ऐसे ही किसानों की दास्तान जो बरसात के जल को संचय कर खेतीं मे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
कृषि एवं उद्यान विभाग की सामुदायिक फार्म पौण्ड व खेत तलाई योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे है. ऐसे ही पीपाड़शहर,भोपालगढ़ उपखंड कृषि क्षेत्र में इस वर्ष बने फार्म पौण्ड भी इस बार हुई अच्छी बरसात से लबालब हो गए. जिले के आसोप के किसान पदमाराम डावेला ने बताया कि वर्षा का पानी खेतों से बहकर अन्यत्र चला जाता था. इसे लेकर सहायक कृषि अधिकारी उद्यान रफीक अहमद कुरैशी से वर्षा जल संचयन योजना एवं बागवानी खेतीं की जानकारी प्राप्त की. छोटा कृषि जोत होने से छोटा फार्म पौण्ड का निर्माण कराया नियमानुसार अनुदान मिला.
बरसात का जल संचय से खरीफ उत्पादन लिया और बचत जल से रबी फसल मे उपयोग किया. जीरा फसल का इस फार्म पौण्ड के जल से नौ क्विंटल जीरा का उत्पादन मिला. वहीं राईया नगर के किसान जाकीर ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में वर्षा जल संचय की उपयोगी योजना सामुदायिक फार्म पौण्ड के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की. बरसात का पानी व्यर्थ बह कर फालतू चला जाता है उसको खेत में किस प्रकार से संचय करे तो फार्म पौण्ड योजना उपयोगी लगी. बरसात का जल अपने खेतो मे ही रोक कर उस जल का सिचांई के लिए सदुपयोग कर खेती उत्पादन का लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
पिछले वर्षो मे बरसात की कमी से फार्म पौण्ड में जल आंवक कम रही उसके बावजूद भी 25बीघा मे रबी फसल का उत्पादन मिला, लेकिन इस बार समय पर अच्छी बरसात होने से फार्म पौण्ड लबालब भर गया. खरीफ की फसलों के साथ-साथ रबी फसलों में भी सिचांई जल का कुशलतम उपयोग से लाभ होगा. जल संचय जल से रबी फसल उत्पादन का भी लाभ होगा. अनुमानित 70बीघा मे रबी फसलों को फव्वारा विधि से सिचांई की जा रही है. सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि खेतों में बरसात का पानी खेतों में भराव से खरीफ की फसल में नुकसान होता था. वहीं पानी खेतों में बहकर बेकार भी चला जाता था. आज उस पानी को निर्मित सामुदायिक फार्म पौण्ड में संचय करने का लाभ हो रहा है. खेतों में व्यर्थ बरसात पानी बहकर अन्यत्र चला जाता उसको खेत में रोककर उसका कुशलतम सदुपयोग किया जा रहा है.
वर्षा जल संचय के लिए उपयोगी है सामुदायिक फार्म पौण्ड व खेत तलाई योजना. वर्षा जल को संचय का क्षेत्र के किसानों को फायदा हुआ. यह उपयोगी योजना है. इससे बारिश का पानी संचय करने से खेतो में व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल का प्रबंधन के साथ हीं किसानो को आगे रबी फसल लेने का भी अवसर मिलने लगा हैं, जिससे किसान अब साल में दो फसल लेने लगे है. ऐसे में यह योजना मारवाड़ के किसानो के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.
सरकार की अनुदाना योजना और विभाग की पहल पर किसान अब अपनी आया में बढ़ोतरी कर रहे है. अब किसान बरसात का जल खेतों से बहकर अन्यत्र व्यर्थ बहकर चला जाता है. इन योजनाओं में लाभान्वित होकर वर्षा जल का फार्म पौण्ड में संचय कर खेतीं सिचांई में कुशलतम उपयोग किया जा सकता है. जहां सामुदायिक फार्म पौण्ड अथवा खेत तलाई निर्मित है वहां वर्षा जल की आंवक इस बार अच्छी है. इस संचय जल से खेतीं में सिचांई का कुशलतम उपयोग से किसानो को फायदा होगा. जिले में सैकड़ो किसानों ने अब तक फार्म पौण्ड योजना का लाभ प्राप्त कर वर्षा जल का कुशलता उपयोग कर खेतीं आय का लाभ ले रहे है. इस बार बरसात से सभा फार्म पौण्ड में वर्षा जल की आंवक अच्छी हुई संचय जल से रबी फसलों में उपयोग का लाभ मिलेगा.
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