4 जून को EVM किसे बनाएगा राजा, जानें कैसे होती है ईवीएम से वोटों की काउंटिंग
How Votes are counted by EVM? आज हम आपको बताएंगे कि ईवीएम से वोटों की काउंटिंग कैसे होती है? जानिए पूरा प्रोसेस क्या है?
How Votes are counted by EVM? लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान हो चुके हैं. वहीं, अब रिजल्ट को लेकर इंतजार हो रहा है, जिसमें कुछ ही समय बाकी है. मंगलवार यानी 4 जून को वोटिंग की गिनती के बाद पता चलेगा कि कौन किस सीट पर राजा बनेगा. ऐसे में आज हम आपको ईवीएम से वोटों की काउंटिंग कैसे होती है?
मतगणना कैसे होती है?
मतों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) और पोस्टल बैलट (PB) की से शुरू की जाती है. ये मत RO की सीधी निगरानी में गिने जाते हैं. इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट और पोस्टल बैलट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में पड़े वोटों की गिनती शुरू की जाती है. चाहे पोस्टल बैलेट की गणना पूरी हुई हो या नहीं. 14 EVM में डाले गए मतों की गिनती हो जाने पर एक राउंड की काउंटिंग पूरी होती है. साथ ही हर राउंड का रिजल्ट बारी-बारी परिणाम घोषित होता है.
बैलट बॉक्स सिस्टम से वोटिंग होने पर मतों की गिनती बैलट पेपर्स को मिक्स करके की जाती है लेकिन क्या EVM में भी वोटों को पहले मिक्स किया जाता है?
इसका जबाव हां, 'टोटलाइजर' नामक यंत्र से EVM में भी वोटों को पहले मिक्स किया जा सकता है, जिसके बाद वोटों की गिनती की जाती है. टोटलाइजर डिवाइस 14 कंट्रोल यूनिट्स को एकसाथ ले सकता है और किसी खास वोटिंग केंद्र पर इस्तेमाल होने वाले खास EVM में उम्मीदवार दर उम्मीदवार पड़े वोटों को उजागर किए बिना सभी मतों को एक जगह कर सकता है. हालांकि, अभी टोटलाइजर नहीं हो रहा है.
कंट्रोल यूनिट अपनी मेमोरी में रिजल्ट को कितने वक्त तक स्टोर करके रख सकती है?
कंट्रोल यूनिट अपनी मेमोरी में रिजल्ट को तब तक स्टोर करके रख सकती है, जब तक डाटा डिलीट ना किया जाए.
वोटों की गिनती करना किसकी जिम्मेदारी होती है?
वोटिंग करवाना और मतों की गिनती करने की जिम्मेदारी चुनाव पदाधिकारी की होती है.
वोटों की गिनती कहां पर होती है?
चुनाव आयोग मतगणना की तारीख और वक्त तय करता है. वहीं, चुनाव पदाधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर मतगणना की जगह तय करता है. एक चुनाव क्षेत्र के लिए काउंटिंग एक जगह होती है. चुनाव पदाधिकारी की निगरानी में वोटों की गिनती की एक ही हॉल होती है.
क्या होता है स्ट्रॉन्ग रूम ?
स्ट्रॉन्ग रूम एक सुरक्षित स्थान होता है. यहां पर चुनावों से पहले और बाद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों को रखा जाता है.
वोटों की गिनती शुरू करने से पहले का प्रोसेस क्या है?
मतगणना से एक दिन पहले सील की गई मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जाता है. इनको उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि की मौजूदगी में खोला जाता है. चुनाव पदाधिकारी द्वारा नियुक्त काउंटिंग सुपरवाइजर्स मतों की गिनती करते हैं. इस दौरान उम्मीदवार अपने काउंटिंग एजेंट और इलेक्शन एजेंट के साथ काउंटिंग हॉल में रहते हैं.
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