Manvendra Singh Jasol : राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह जसोल आज जोधपुर प्रवास पर रहे. जोधपुर प्रवास के दौरान पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के जयपुर में धरने को लेकर मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होने कहा कि पुलवामा वीरांगनाओं और उनके बच्चो की नोकरी सुरक्षित है, लेकिन यह वीरांगना अपने देवर के लिए नोकरी की मांग कर रही हैं.


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इसका कोई नियम नही है. सरकार उनके बच्चो और वीरांगना को ही नोकरी दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मांग गृह मंत्रालय तक सांसदों को उठानी चाहिए, अगर केंद्रीय गृह मंत्रालय चाहे तो उनकी मांगों पर कार्रवाई कर सकती है. उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि सीआरपीएफ के मामला होने से यह अधिकार केवल गृह मंत्रालय के पास ही हैं. यही नही इस पर राजनीति के सवाल पर कहाँ की बिल्कुल बिना नियम और आधार के यह मांग रखी जा रही हैं. पुलवामा शहीदों पर एक बार फिर से राजनीति की जा रही हैं यह गलत हैं. उन्होंने इस तरह की मांग व राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.


पुलवामा शहीद वीरांगनाओं के धरने का मामला गरमाता जा रहा है. पुलिस ने अल सुबह पहले वीरांगनाओं को मध्यरात्रि धरना स्थल से उठाया, उसके बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाला मीणा को हिरासत में लिया. इस बीच मीणा की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया. इधर पुलिस ने एसएमएस पहुंचे बीजेपी नेताओं और सांसद मीणा के भाई को भी उनसे मिलने से रोक दिया. इसके बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार की इस हठधर्मिता के खिलाफ शनिवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं के सड़क पर उतरने का दावा किया.


पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर जताया आक्रोश, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस का बर्बर व्यवहार बेहद निंदनीय, सांसद मीणा शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों के लिए आंदोलनरत, कांग्रेस सरकार द्वारा लाठी का डर दिखाकर वीरांगनाओं की आवाज को कुचलने का प्रयास, यह अलोकतांत्रिक प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.