Sirohi: एक ऐसी माता का मंदिर जहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. यह मंदिर करीब 5500 वर्ष पुराना है, जहां मां के दर्शन के लिए गुफा के अंदर होकर जाना पड़ता है. यह प्राचीन मंदिर  सिरोही (Sirohi News) जिले में स्थित राजस्थान के एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू (Mount Abu) स्थित अरावली की पर्वत श्रंखलाओं में है, जिसकों अधर देवी (Adhar Devi Temple) के मंदिर के नाम से जाता है.


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इस मंदिर का दूसरा नाम अर्बुदा देवी (Arbuda Devi) भी है. मान्यताओं के अनुसार 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ यह भी मानी गई है. नवरात्रि में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है. माउंट आबू में स्थित अधर देवी का मन्दिर मां कात्यायनी का ही है, जिसका उल्लेख स्कन्द महापुराण के प्रवास खंड में उल्लेखित है.

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मां पार्वती का अधर
नवरात्रि (Navratri 2021) के अवसर पर श्रद्वालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इन दिनो यहां मां के दरबार में रोजना लाखों श्रद्वालु दर्शन करने आते हैं. इस तीर्थ स्थल की एक और खासियत है कि यह देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है. साथ हीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहा मां पार्वती का अधर यानि होठ गिरा था. उसके बाद इस पवित्र स्थल को अधर देवी व अर्बुदा देवी के नाम से जाना जाता है.


करीब 350 सीढ़िया
अधर देवी (Adhar Devi) के दर्शन के लिए श्रद्वालुओं को करीब 350 सीढ़िया ऊपर चढ़नी पडती है लेकिन अर्बुदा माता की महिमा ही कुछ ऐसी है कि यहां आकर 350 सीढ़िया को चढ़ना मानों कुछ ही सीढ़िया के चढ़ने के बराबर ही माना जाता हैं और यहां आकर मां के दर्शन सहज हो जाते है.

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कात्यायनी शक्तिपीठ
कात्यायनी शक्तिपीठ का मन्दिर 5500 वर्ष पुराना है, जो विशाल प्राकृतिक गुफा में स्थित है. इसमें एक समय में करीब 100 व्यक्ति बैठ सकते है. मन्दिर न सिर्फ पौराणिक मान्यताओं और मां की महिमा के लिए जाना जाता है बल्कि मन्दिर प्रकृति के बीच स्थित होना और मनोहरी वातावरण श्रद्वालुओं के मन को अभिभुत कर देता है.


देश के विभिन्न भागों से भक्त यहां माता के दर्शन के लिए आते है. वहीं, ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के अवसर पर मां अर्बुदा के दर्शन करने पर जो भी मन्नत या मुराद मांगी जाती है. वह अवश्य ही पुरी होती है.  साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि निसंतान दम्पत्ति अगर मां के दरबार में आकर संतान की मन्नत मांगते है तो वह जरूर पुरी होती है. 
Report- Saket Goyal