Rajasthan News: झारखंड से राजस्थान में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले सरगना विरमाराम को जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन 'ओल्ड मोंक' चलाकर नेपाल की सीमा से पकड़कर बड़ी कामयाबी हासिल की है. 


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रेंज पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि NDPS मामले में अपराधी को नेपाल की सीमा से गिरफ्तार कर कामयाबी हासिल की है. बाड़मेर के चौहटन थाने का रहने वाला विरमाराम उर्फ वीराराम को 3  महीने के कठोर परिश्रम के बाद पकड़ने में कामयाबी मिली है.



पुलिस ने बताया कि आरोपी राजस्थान से दिल्ली,झारखंड,बिहार के रांची,पटना,मुजफ्फरपुर,मोतीहारी,रक्सौल और नेपाल में पुलिस का भटकता रहा. साल 2010 में हत्याकर आजीवन कारावास की सजा काट रहा विरमाराम साल 2018 में पैरोल से फरार हो गया जिसने झारखंड में डेरा डाल रखा था.



विकास कुमार ने बताया कि आरोपी झारखंड से राजस्थान के लिए 6 साल से मादक पदार्थों की तस्करी का गिरोह चल रहा था. साइक्लोनर टीम को 50 हजार के इनामी विरमाराम को पकड़ने के लिए 3 महीने तक भटकना पड़ा. इस दौरान पुलिस टीम को झारखंड से लेकर रक्सौल नेपाल बॉर्डर तक दौड़ भाग करनी पड़ी, लेकिन आरोपी इतना शातिर हो गया था कि उसने अपना नाम ही बदल दिया.



पुलिस ने बताया कि विरमाराम राजस्थान से फरार होने के बाद सीधा झारखंड पहुंचा. इसके बाद उसने अपना नाम बदलते हुए जग्गाराम के नाम का आधार कार्ड बनाया और उसके बाद अन्य दस्तावेज तैयार कर वहां से राजस्थान में मादक पदार्थ का रैकेट चलाने लगा. आरोपी ने जगह और पता बदलने के साथ ही मोबाइल और सिम कार्ड भी बदला. 



ऐसे में पुलिस के लिए आरोपी को पकड़ने में मुश्किलें कम नहीं थी, लेकिन साइक्लोनर टीम ने आखिरकार आरोपी को नेपाल सीमा पर एक होटल में पकड़ ही लिया. पुलिस रक्सौल से आरोपी को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड लेकर जोधपुर लेकर आई. अब यहां से बाड़मेर पुलिस के हवाले आरोपी को किया जाएगा.



बता दें कि जोधपुर रेंज पुलिस नशे के खिलाफ हर संभव प्रयास कर रही है. साथ ही अपराध की रोकथाम करने के साथ वांछित अपराधियों के लिए लगातार ऑपरेशन चलाकर उनको जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने लोगों से भी अपील की है कि वे भी यदि अपने आसपास ऐसा कोई कार्य या गतिविधि देखते है तो पुलिस को सूचना करें और समाज को अपराध मुक्त बनाने में सहयोग करें.