Rajasthan Politics: राजस्थान के जोधपुर एयरपोर्ट पर आज केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पहुंचे. अर्जुनराम मेघवाल का भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने राजस्थान में होने वाले सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर कहा कि हम इस बार बेहतर परफॉर्म करेंगे. 4 से 5 जगह मैं जाकर आया हूं. यहां वहां पर सकारात्मक रुझान है. 


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साथ ही उन्होंने खींवसर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव चुनाव को लेकर कहा कि इस बार हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं और हम यहां पर सीट जीत रहे हैं. इसके बाद उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल हमारे लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं, वे कांग्रेस को ही समर्थन दे रहे हैं. चाहे अभी के चुनाव देख लीजिए चाहे लोकसभा चुनाव अगर त्रिकोणी मुकाबले की बात करें, तो भारतीय आदिवासी पार्टी से चौरासी विधानसभा सीट पर जरूर है, लेकिन हनुमान बेनीवाल की बात करें, तो एक तरह से कांग्रेस ही है.



पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए मेघवाल ने कहा कि मैं उनको कहना चाहता हूं कि उनकी पिछली सरकार का मेनिफेस्टो उठाइए और हमारा चुनावी घोषणा पत्र लीजिए. पिछले 10 महीनों के भजनलाल सरकार के कार्य देखिए और उनके 10 महीनों के कार्य को देखिए, आपको तुलनात्मक जानकारी मिल जाएगी कि हमने क्या-क्या कार्य किया है.



जेपीसी में हुए वक्फ बोर्ड के गतिरोध को लेकर कानून मंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड में संशोधन होना आवश्यक है. यह डिमांड मुस्लिम समुदाय से ही हमारे पास आई थी. वक्फ बोर्ड की जमीनों पर लोगों के कब्जे हैं. कलेक्टर भी सर्व नहीं कर पा रहा है. अगर किसी गांव पर वक्फ बोर्ड का बोर्ड लग जाता है, तो वह पूरा गांव ही बोर्ड का हो जाता है. ऐसी जो विसंगतियां हुई हैं. 



इसे दूर करने के लिए पार्लियामेंट में इसको लेकर संशोधन बिल लाना चाहिए. अगर इसमें सुधार होता है, तो सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम समुदाय को ही होगा. खासकर गरीब मुस्लिम समुदाय को इसमें जो विरोध है वह तर्क संगत नहीं राजनीतिक कारणों से है. धारा 370 पर अमर अब्दुल्ला सरकार के बयानों को लेकर कानून मंत्री ने कहा कि धारा 370 के ऐतिहासिक पहलू उनको समझ नहीं आए होंगे. 



कानून मंत्री ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने इस पूरे धारा 370 का कब विरोध किया है. जब संविधान बन रहा था तब जितने भी अनुच्छेद संविधान में आए उनकी पायलटिंग बाबा भीमराव अंबेडकर ने की थी. प्रस्तावना भी उसमें शामिल थी. कोई ऐसा अनुच्छेद नहीं है. जो बाबा साहब ने नहीं किया. उसमें संशोधन पेश हुए और रिप्लाई बाबा साहब ने नहीं किया. उस समय धारा 370 की पायलटिंग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से आपने क्यों नहीं करवाई. 



गोपाल स्वामी आयंककर से पायलटिंग क्यों करवाई गई. यही तो सबसे बड़ा मुद्दा है. यही एक ऐसा अर्टिकल है, जिसकी पायलटिंग बाबा साहब ने नहीं की. बाबा साहब का इसमें कोई इनपुट भी नहीं है. विधानसभा की डिबेट में इससे साफ प्रतीत होता है कि यह अनर्गल राजनीति मुद्दा बनाया जा रहा है. अब धारा 370 चली गई है. अब वापस धारा 370 आने की कोई संभावना नहीं है. वैसे भी यह धारा इंजस्टिस पैदा कर रहा था. 



अब्दुल्ला जी को समझना चाहिए कि आपने जालंधर से स्लीपर समाज के लोगों को बुलाया जम्मू की सफाई के लिए बुलाया और कहा कि उन्हें पूरी सुविधाएं दी जाएगी. इसके बाद प्रावधान कर दिया गया कि जो कश्मीर में नहीं जन्मा वह कोई भी नौकरी नहीं कर सकता. जब स्वीपर समाज में आवाज उठाई, तो कहा कि आप सफाई करने आए हैं. सफाई कीजिए आज धारा 370 हटी तो वह सरकारी पदों पर नियुक्त होने लगे हैं. धारा 370 की अन्याय कारी प्रावधान था. देश की एकता और अखंडता के लिए उसे हटाना आवश्यक था.