Kailash manju Jodhpur : मांजू और नांदिया गैंग की दुश्मनी, कैलाश मांजू की अपराध जगत में कैसे हुई थी एंट्री
Rakesh manju and kailash manju : जोधपुर में राकेश मांजू पर हुई फायरिंग ने कैलाश मांजू गैंग और हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह नांदिया गैंग को एक बार फिर आमने सामने खड़ा कर दिया है. कैलाश मांजू की हिस्ट्री क्या है. राजस्थान के जोधपुर में जन्मा कैलाश कैसे क्राइम वर्ल्ड में एंट्री कर गया. पढ़िए
Kailash manju Jodhpur news : जोधपुर में बुधवार के दिन राकेश मांजू पर फायरिंग हुई. अस्पताल में भर्ती मांजू की हालत गंभीर बताई जा रही है. राजीव विहार थाना क्षेत्र के वित्राग सिटी में हुई इस घटना की जिम्मेदारी विक्रम नांदिया गुट ने ली है. घटना के बाद बजरंग सिंह पालड़ी ने फेसबुक फोस्ट करते हुए कहा कि विक्रम नांदिया पर हुए हमले का ये बदला है. कैलाश मांजू का चचेरा भाई है राकेश मांजू. राकेश ने ही 23 महीने पहले विक्रम नांदिया पर गोलियां चलवाई थी. कौन है कैलाश मांजू. कैलाश मांजू ने अपराध की दुनिया में कैसे की एंट्री. कैलाश मांजू की पूरी कहानी.
कैलाश मांजू की क्राइम वर्ल्ड में एंट्री
कैलाश मांजू का जन्म जोधपुर के भाटेलाई पुरोहितान में हुआ था. पिता रामचंद्र विश्नोई सरपंच थे. लिहाजा परिवार में किसी भी तरह की आर्थिक समस्या नहीं थी. चार भाई है. जवराराम, सहीराम, खेताराम और बंशीलाल. कैलाश मांजू भाईयों में सबसे छोटा था. पढ़ाई शुरु तो की लेकिन साल 2000 में 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद बड़े भाई बंशीलाल की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करना शुरु किया. साल 2003 में अहमदाबाद से वापिस अपने गांव आया.
बासनी थाना, जोधपुर में पहली FIR
साल 2003 में अहमदाबाद से वापिस आने के बाद एक झगड़ा होता है. कैलाश मांजू के मामा रामलाल के साथ तेजाराम नाम के युवक ने मारपीट की. इसका बदला लेने के लिए दोस्त दिनेश मांजू और पूराराम काकड़ के साथ मिलकर तेजाराम के हाथ पांव तोड़ दिए. इस मामले में जोधपुर के बासनी थाने में एफआईआर दर्ज हुई. कैलाश मांजू पर अब तक दर्ज 40 से ज्यादा मामलों में ये पहला मामला था.
ये भी पढ़ें- जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू को मारी गोली, विक्रम नांदिया पर फायरिंग का बदला
कैलाश मांजू इस वारदात के बाद भागकर गुजरात चला गया. लेकिन इसी बीच उसे सूचना मिली की उसके मामा के लड़के के साथ भी बेरहमी से पिटाई हुई है. इसका बदला लेने के लिए वो फिर जोधपुर आया. और उस युवक के भी हाथ पांव तोड़ दिए. लोहावट क्षेत्र में उस मामले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था. आज कैलाश मांजू का नाम बाड़मेर जैसलमेर से लेकर जोधपुर और पाली नागौर समेत पूरे पश्चिमी राजस्थान में है. कैलाश मांजू और विक्रम नांदिया के बीच चल रहा टकराव भी आमजन में चर्चित है.