Shergarh: वर्षों से बंद पड़े रास्ते को प्रशासन ने खुलवाया
जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोलंकियातला में बरसों से बंद पड़े कटान रास्ते को खुलवाया. सोलंकियातला में प्रशासन ने वर्षों पुराना बंद कटानी रास्ता खुलवाया.
Shergarh: जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोलंकियातला में बरसों से बंद पड़े कटान रास्ते को खुलवाया. सोलंकियातला में प्रशासन ने वर्षों पुराना बंद कटानी रास्ता खुलवाया. ग्रामीणों ने जताया आभार. शेरगढ़ स्थानीय राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को ग्रामीणों की मांग पर सोलंकियातला के सोलंकियातला से बगताणी मेघवालों की ढाणी तक के वर्षों पुराने बंद पड़े रास्ते को खुलवाने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
शेरगढ़ तहसीलदार भारतसिंह राठौड़ ने बताया कि सोलंकियातला से बगताणी मेघवालों की ढाणी के तक का कटाणी रास्ता खसरा नंबर 1736 बरसों से बंद पड़ा था, जिसकी वजह यह थी कि यहां के लोगों ने बरसों पहले कटाणी मार्ग की जगह से दूसरी जगह से आना जाना शुरु कर दिया था, जिसकी वजह से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कटानी रास्ता बंद हो गया था और इसकी जमीन पर भी खेती होने लगी थी. पिछले एक साल से ढाणियों के ग्रामीणों ने राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक दर्ज कटानी रास्ते को खुलवाने की मांग रखी.
जिस पर तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ ने भू-अभिलेख निरीक्षकों व पटवारियों की टीम गठित कर उनसे मौका रिपोर्ट तैयार कर मंगवाई, जिसके बाद गुरुवार को तहसीलदार भारतसिंह राठौड़ मय पुलिस जाब्ता पुलिस थाना शेरगढ़, पुलिस चौकी सेखाला व पुलिस लाइन जोधपुर की 15 सदस्य टीम व सोलंकियातला हल्का पटवारी हनुमान राम विश्नोई, तेना पटवारी मनोज कुमार मीणा सहित टीम मौके पर पहुंची और मौका रिपोर्ट तैयार करके टीम ने जेसीबी व ट्रैक्टर की मदद से उक्त रास्ता खसरा नंबर 1738 से शुरू होकर 1743 तक वर्षों से बंद पड़े इस कटाणी रास्ते को खुलवाकर लोगों के लिए आवागमन सुगम बनाया.
पिछले कई वर्षों से बंद पड़े इस रास्ते के खुलने से यहां की ढाणियों के लोगों को खासी राहत मिली है. उन्होंने स्थानीय राजस्व प्रशासन का आभार व्यक्त किया. साथ ही ग्रामीण हमाराम की मांग पर तहसीलदार ने उक्त रास्ता आगे मेगा हाईवे तक चिन्हित नियमानुसार कार्रवाई करने हेतु हल्का पटवारी को पाबंद किया. इस दौरान तहसीलदार भारतसिंह राठौड़, पटवारी हनुमानराम विश्नोई, मनोजकुमार मीणा, एएसआई माधोसिंह, कांस्टेबल वीपीसिंह, चंपालाल, रमेशकुमार, कुंभसिंह पवार, जोगसिंह वार्ड पंच, गंगासिंह, कवराजसिंह, महेंद्रसिंह, मनोहरसिंह, नेनाराम, बालाराम भोपोजी, दुर्गाराम दर्जी, करनाराम, रूपाराम गर्ग सहित कई संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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