बिलाड़ा: श्रीकृष्ण अपने आप में हैं प्रेम के अवतार, महंत किशननाथ महाराज ने बताया भगवान का ये खास ज्ञान
बिलाड़ा के श्रीनामदेव छीपा समाज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति के तत्वावधान पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ.
Bilara: जोधपुर के बिलाड़ा के श्रीनामदेव छीपा समाज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति के तत्वावधान पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि महाकाल भैरवनाथ गोरक्ष आश्रम के योगीराज महंत किशननाथ महाराज ने कहा कि कृष्ण अपने आप में प्रेम के अवतार, शांति के देवदूत, कर्तव्य-परायणता की किताब और कर्म ज्ञान और भक्ति की त्रिवेणी बहाने वाले भारत के भाग्य विधाता हैं. वैसे ही महापुरुष हुए, जिन्होंने धरती को अधर्म और अज्ञान के अंधकार से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.
छिपा समाज के पंडाल में कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति द्वारा बाल कलाकारों और अन्य गणमान्य लोगों के सहयोग किए जाने पर उनके नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि दुनिया के हर किसी महापुरुष को अपनी महानताओं को अर्जित करने के लिए साधना और सिद्धि की दहलीज से गुजरना पड़ा है पर कृष्ण बगैर किसी साधना के भी युग-युगांतर तक भागवत स्वरूप में पूजे जाते हैं. उनके हाथ में पकड़ी हुई मुरलिया मुर्दों में भी प्राण फूंक देती थी. मुरली की प्रेरणा है कि हम अपने जीवन को संगीतमय बनाएं और हाथ में रखा हुआ सुदर्शन तक हमें आत्मरक्षा और सशक्त कर्म योग करने की प्रेरणा देता है.
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मुख्य अतिथि के रूप में विधि मंत्री रह चुके अर्जुन लाल गर्ग ने कहा कृष्ण का तो कण-कण और रोम- रोम प्रेम और माधुरी से भरा हुआ है. उनके अधर, वचन, नयन, मुस्कान, हृदय और गमनागमन सब कुछ मधुरता की मिशाल है. अपने प्रेम और रासलीलाओ के द्वारा सबको आकृष्ट करने से ही वे कृष्ण कहलाए. "गीता" श्री कृष्ण का मानवता को वह अवदान है, जिससे प्रेरणा पाकर हर किसी प्रबुद्ध व्यक्ति में कर्तव्य परायणता और आत्मविश्वास की अलख जगाई है. गीता संसार का ध्रुव नक्षत्र है. वह नदियों में गंगा और व्रक्ष में कल्पवृक्ष की तरह है. गीता हमें बाहरी युद्धों को लड़ने की प्रेरणा नहीं देती. गीता का सार-संदेश है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में व्याप्त विकारों पर विजय प्राप्त करें.
इस अवसर पर सीरवी नवयुवक परगना समिति के अध्यक्ष और भामाशाह नरेशभाई चौधरी, उदलियावास के लोकेश चौधरी, नगर पालिका में प्रतिपक्ष नेता अर्जुनबोचावत, डॉ. धर्मेंद्र सीरवी, समाजसेवी देवेंद्र पटेल, अधिवक्ता गंगा सिंह भाटी, निसार अहमद उर्फ मिठूमिया, गुलाबचंद रेगर, सुजानराम सीरवी और पालिकाध्यक्ष रूप सिंह परिहार ने भी अपने विचार व्यक्त करने के दौरान श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष जगदीश गौड़, सचिव धर्मेंद्र कंसारा, कोषाध्यक्ष कानाराम पटेल और उनकी संपूर्ण कार्यकारिणी के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि वह सनातन धर्म के उत्थान के निमित्त समय-समय पर धार्मिक आयोजन करवा रहे हैं, उसके लिए वह बधाई के हकदार है और सभी भामाशाहो ने समिति को आर्थिक सहयोग की घोषणाएं भी की व्यक्त की.
बाल गोपालों का हुआ सम्मान
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण के चरित्र पर सजाई गई. विभिन्न झांकियां, बाल कलाकारों द्वारा झांकियों में सहयोग देने और ट्रैक्टर मालिकों, विभिन्न संस्थाओं- संगठनों और शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह पर स्वागत द्वार लगाकर बाल कलाकारों के लिए शरबत, लस्सी, फलाहार आदि की सेवा उपलब्ध कराने वालों का भी समिति की ओर से स्वागत किया गया. आयोजन मैं आए सभी श्रद्धालुओं के प्रसादी के लाभार्थी किशोरचंद, ओम प्रकाश, देवीसिंह, जगदीश प्रसाद और जगदीश गौड़ का भी अभिनंदन किया गया. ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी केंद्र की ओर से कृष्ण और राधा के रूप में बाल कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत किए. संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल पटेल ने मनोयोग के साथ किया.
Reporter: Arun Harsh
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