Luni: जोधपुर के लूणी में बने सुभद्रा माता का मंदिर शायद पूरे भारत में एक मात्र ऐसा मंदिर है जो अर्जुन की पत्नी सुभद्रा को डेडिकेट है. सुभद्रा श्रीकृष्ण की बहन थीं जिसने महाभारतकाल में धनुर्धारी अर्जुन ने शादी रचाई थी. 


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वैसे तो जोधपुर का संबंध रामायण काल के दशानन रावण व उनकी पत्नी मंदोदरी से है ही वहीं इसका संबंध महाभारत काल से रहा है. इसकी जानकारी मिली है कि जोधपुर से मात्र 45 किलोमीटर दूर लूणी क्षेत्र के सर गांव के पहाड़ियों में स्थित सुभद्रा माता मंदिर से विभिन्न कहानियां जुड़ी हुई हैं. ऊंची पहाड़ियों पर माता मंदिर को लेकर कहा कि महाभारत काल में पाण्डु पुत्र धनुर्धारी अर्जुन व उनकी सुभद्रा ने यहीं शादी रचाई थी. आपको बता दें कि सुभद्रा भगवान श्रीकृष्ण कि बहन थीं.


भक्तों की आस्था का केन्द्र है ये मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि आज से करीब 112 वर्षों पहले सन 1910 में कलबी कुल के सुरो बापू भुंगर को सुभद्रा माता ने दर्शन देकर वचनसिद्धि का वरदान दिया था. उसके बाद सुरो बापू भुंगर ने 12 साल तक अपने खेत में सुभद्रा माता की पूजा-अर्चना की. जानकारी के अनुसार सुभद्रा माता ने दर्शन देकर वचनसिद्धि का वरदान दिया था. उसके बाद सुरो बापू भुंगर ने 12 साल तक अपने खेत में सुभद्रा माता की पूजा-अर्चना की थी और उसके तत्कालीन ठाकुर विजयसिंह के शासन काल में गांव से दूर पहाड़ियों में बनी गुफा में मंदिर का निर्माण करवाया जो कि भक्तों के लिए आस्था का केन्द्र है. 


नवरात्रि में होती है भक्तों की भीड़
नवरात्रा पर्व को लेकर मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ होती है. सरपंच भंवराराम पटेल ने बताया कि मंदिर प्राचीन है. आस्था का केन्द्र है. ऐसा कहा कि जाता है मंदिर पहाड़ियों में बना हुआ था. बाद में मंदिर का निर्माण करवाया और इसके साथ ही वर्ष 2004 के आस पास जीर्णोद्धार का कार्य भी करवाए गए. वहीं सोशल मीडिया पर सरपंच पटेल व युवाओं ने अभियान चलाते हुए शुक्रवार को साफ -सफाई अभियान चलाया. मंदिर प्रांगण में होमाष्टमी को भव्य मेला का आयोजन होता है जिसमें सैकड़ों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. 


Reporter: Arun harsh