Jodhpur: सिटी रेलवे स्टेशन की मौजूदा भव्य इमारत अब तस्वीरों में सिमट कर रह जाएगी.  रेलवे ने लगातार यात्रियों की संख्या  में हो रही बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, 500 सौ करोड़ रुपए की लागत से इस स्टेशन की मौजूदा इमारत की जगह एक ऐसे विशाल रेलवे स्टेशन के निर्माण की पूरी तैयारी कर ली है, जहां पहुंचकर रेल यात्रियों को ना सिर्फ एयरपोर्ट जैसी फीलिंग होगी बल्कि उन्हें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी. जिससे उन्हें  यात्रा का  अच्छा अनुभव अहसास होगा.


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बता दें कि, उत्तर-पश्चिम रेलवे के सिटी स्टेशन की सूरत पूरी तरह से बदलने के लिए रेलवे ने पूरी तैयारी कर ली है और स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव यह चाहते हैं कि, उनके गृहनगर जोधपुर सिटी रेलवे स्टेशन की बहुद्देश्यीय , बहुमंजिला और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नई इमारत का जल्द निर्माण हो, ताकि सुदूर प्रदेशों और सात समंदर पार से आने वाले विदेशी  यात्रियों को यहां मनचाही सुविधा मिल सके.


रेलमंत्री की  इसी मंशा को ध्यान मे रखते हुए रेलवे ने रेल भूमि विकास प्राधिकरण के माध्यम से जोधपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना बनाई. जिसके तहत पुनर्विकास के लिए करीब 500 करोड़ रुपए का तखमीना तैयार किया गया. जिसे हरी झंडी भी मिल गई है.


इस संबंध में जोधपुर डीआरएम गीतिका पांडेय का कहना है कि, सिटी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य स्वीकृत हो चुका है. और जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया भी प्रारंभ हो रही है .  सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल अक्टूबर में मुख्य रेलवे स्टेशन की पुरानी इमारत को हटा कर एक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन की नई इमारत का निर्माण किया जाएगा.


इस बारे में डीआरएम का कहना है कि, मौजूदा इमारत की बनावट देश के प्रमुख स्टेशनों की भव्य इमारतों की फेहरिस्त में शुमार है, लेकिन रेलवे ने आने वाले सालों में जनसंख्या के साथ बढ़ते रेल ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है.



इमारत होगी पांच मंजिला
रेलवे स्टेशन की बनने वाली नई इमारत में ग्राउंड फ्लोर के अलावा चार मंजिला होगी. जिसमें प्रमुख कार्यालय, बुकिंग विंडो, आरक्षण कार्यालय, वी आई पी लॉन्ज,स्टेशन मास्टर कार्यालय,आरपीएफ,जीआरपी कार्यालय और अन्य कार्यालय ग्राउंड फ्लोर पर तथा अन्य मंजिलों पर एसी/नॉन एसी रिटायरिंग रूम्स,पेड वेटिंग रूम,खानपान के स्टाल्स व स्थानीय उत्पादों की स्टाल्स लगाना प्रस्तावित  किया है. इसी प्रकार रेलवे स्टेशन का द्वितीय प्रवेश द्वार ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिला होगा जहां यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी.


प्लेटफॉर्म्स को जोड़ने वाला एयर कॉनकोर्स बनेगा
रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत एयर कॉनकोर्स विकसित किया जाएगा. जो रेलवे स्टेशन पर स्थित सभी प्लेटफॉर्म्स से कनेक्ट रहेगा. जहां पर यात्री खड़े रह सकेंगे और अपनी गाड़ी आने के बाद प्लेटफॉर्म पर जा सकेंगे.


 रोजगार में होगी वृद्धि
पुनर्विकास के बाद जोधपुर रेलवे स्टेशन पर बेहतर यात्री सुविधाओं के साथ  नई तकनीक , स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल होगा. पुनर्विकास के बाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन से चार गुना बढ़ जाएगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा. जिसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा. स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा. जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी.



वाहनों के आवागमन के लिए बनेगा कॉरिडोर


नए सिरे से तैयार होने के बाद जोधपुप रेलवे स्टेशन की तस्वीर एक एयरपोर्ट की तरह नजर आएगी. जहां वाहनों के आवागमन के लिए अलग से कोरिडोर स्थापित किया जाएगा. आम यात्रियों के लिए पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.


आने और जाने के लिए अलग होंगे रास्ते
इसके अतिरिक्त स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट तथा बाहर निकलने औरअंदर प्रवेश करने के लिए अलग-अलग गेट बनाए जाएंगे. जिससे एक साथ सैकड़ों यात्री रेलवे स्टेशन से एक साथ बाहर निकल और अंदर जा सकेंगे.


पांच सितारा होटल का होगा अहसास
नए रेलवे स्टेशन परिसर में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं दी जाएगी. एक बार अपग्रेड होने के बाद इस स्टेशन पर लॉबी, पैड लाउंज , फूड कोर्ट के अलावा लिफ्ट और एस्केलेटर भी लगाए जाएंगे. जिससे आम यात्रियों के साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को सुविधा उपलब्ध होगी.


हाई सिक्योरिटी सिस्टम से होगा लैस


रेलवे स्टेशन की नई इमारत बनने के बाद परिसर में सुरक्षा को लेकर विशेष बंदोबस्त किए जाएंगे. स्टेशन पर हाई सिक्योरिटी सिस्टम लागाए जाएंगे, जिससे पूरा रेलवे स्टेशन परिसर सीसीटीवी कैमरा की नजर में होगा. इसके अतिरिक्त आरपीएफ और जीआरपी पुलिस चौबिसों घंटे अलर्ट मोड रहेगी।
एक नजर में जोधपुर स्टेशन


प्रतिदिन आते हैं 42 हजार यात्री
गौरतलब है कि, जोधपुर  रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है जहां देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसमें हावड़ा, पूरी, जम्मूतवी, सिकंदराबाद, बैंगलोर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, काठगोदाम अन्य स्टेशनों से आने वाली और गुजरने वाली 63 जोड़ी ट्रेनें प्रमुख हैं. ऐसे में जोधपुर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 42 हजार है और रेलवे स्टेशन का विकास और विस्तार आगामी 40 सालों में बढ़ने वाले संभावित यात्री को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. वर्तमान में यह भारतीय रेलवे के उत्तर- पश्चिम रेलवे के प्रशासनिक नियंत्रण में है.


मौजूदा समय में जोधपुर रेलवे स्टेशन में पांच प्लेटफार्म और छह ट्रैक है. मुख्य स्टेशन पर ट्रैफिक कम करने के उद्देश्य से उपनगरीय भगत की कोठी रेलवे स्टेशन को यात्री ट्रेनों के लिए दूसरे मुख्य रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया गया था. जोधपुर रेलवे स्टेशन 1885 में न्यू जोधपुर रेलवे के अधिकार क्षेत्र में खोला गया और यह स्टेशन भारतीय रेलवे के शीर्ष 100 बुकिंग स्टेशनों में से एक है.


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