अनोखा विवाहः बुद्ध पूर्णिमा पर जोधपुर में रचाई `पीपल रो ब्याव, ठाकुर जी को दहेज में चांदी की गाय
jodhpur Peepal Marriage: बुद्ध पूर्णिमा (पीपल पूर्णिमा) के अवसर पर राजस्थान के जोधपुर में एक अनोखी शादी देखने को मिली.इसमें 2 पेड़ों को पूरे रिति रिवाज के साथ सात फेरे करवाए गए.
jodhpur Peepal Marriage: बुद्ध पूर्णिमा (पीपल पूर्णिमा) के अवसर पर राजस्थान के जोधपुर में एक अनोखी शादी देखने को मिली. जो इस वक्त काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. इस शादी के लिए बकायदा निमंत्रण कार्ड भी छापे गए है. तो भूलिएगा मत इस शादी का हिस्सा बनने का.
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बता दें कि जोधपुर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पीपल की शादी की जाएगी. इसमें 2 पेड़ों को पूरे रिति रिवाज के साथ सात फेरे करवाए गए. इसके लिए बकायदा आयोजक परिवार ने शादी के लिए निमंत्रण पत्र भी छपवाए थे. जिस पर लिखा था 'पीपल रो ब्याव'. और इन निमंत्रण पत्र को पूरे गांव के सभी लोगों को दिया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि इस शादी में पीपल को एक बेटी के जैसे विदा भी किया जाएगा. ठीक उसी तरह सारे रस्मो रिवाज के साथ बड़ी धूमधाम से विवाह आयोजित किया जा रहा है.
बेटी की तरह करेंगे विदा
गैरतलब है कि जोधपुर से 90 किलोमीटर दूर केतु गांव के सालासर नगर में पीपल-पिपली का अनूठा विवाह आयोजित किया जा रहा है. जहां एक बेटी की तरह ही पीपल की शादी कर उसे विदा भी किया जाएगा. यह आयोजन गांव के लालाराम कुलरिया परिवार की ओर से आयोजित हो रहा है. इस शादी समारोह को लेकर लालाराम ने अपने सभी रिश्तेदारों को भी निमंत्रण पत्र भेजे हैं. जहां उनके रिश्तेदार भी इस अनूठे विवाह कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गांव पहुंच गए हैं.
परिवार के सदस्य है
आयोजक लालाराम ने बताया कि वह जोधपुर के सरस्वती नगर में रहते हैं. साल 2017 के दौरान उनके घर के बाहर एक गमले में पीपल और पीपली दोनों उग गए. लोगों ने उन्हें वहां से हटाने का कहा क्योंकि पीपल लगाना अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन लालाराम ने लोगों की बात न मानते हुए उसे हटाने की बजाया दोनों पौधों को वे अपने गांव ले गए. जहां उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ गांव में रोप दिया. इस दौरान परिवार के लोग उनका ध्यान रखने लगे. धीरे-धीरे परिवार के सदस्य पीपल-पीपली के पेड़ों को अपने परिवार का सदस्य मानने लगे और इसी के चलते उनके मन में पीपल का विवाह कराने का विचार आया.
ठाकुर जी आएंगे बारात लेकर
लालाराम ने बताया कि इस विवाह में उन्होंने गांव के लगभग 400 साल पुराने ठाकुर जी के मंदिर से बारात आएगी. इसमें गांव के वैष्णव, ब्राह्मण परिवार के लोग शिरकत करेंगे. इस दौरान शुक्रवार को बारात ढोल, नगाड़े और पूरे लवाजमे के साथ केतु गांव के सालासर नगर पहुंचेगी. बारात के पहुंचने पर उनका स्वागत किया जाएगा. इस दौरान शुक्रवार शाम यानी आज गोधूलि बेला में पीपल और पीपली की शादी ठाकुरजी के साथ करवाई जाएगी. इसमें लालाराम व उनकी पत्नी कन्यादान करेंगे. इसके बाद शनिवार को प्रसादी का आयोजन भी होगा. जिसमें बाराती व गांव के लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे.
विदाई में देंगे दहेज भी
यह शादी समारोह ठीक उसी प्रकार से आयोजित किया जा रहा है. जैसा कि हर पिता अपनी बेटी को शादी के समय करता है. इस विवाह के बाद ठाकुर जी को शनिवार को विदाई दी जाएगी. इस दौरान ठाकुर जी को दहेज में अलमारी, पलंग, बर्तन व अन्य गृहस्थी के सामान भी दिए जाएंगे. इसके अलावा एक चांदी की गाय के साथ सोने चांदी के आभूषण भी दहेज में दिए जाएंगे. वहीं शनिवार को करीब 500 लोगों की प्रसादी की व्यवस्था की गई हैं.
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