पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में शहीद बालमुकुंद बिस्सा को पुष्पाजंलि, कुछ दिन पहले इसी चौराहे पर हुआ था झंडे को लेकर विवाद
पिछले दिनों इसी मूर्ति के ऊपर झंडा लगाने का विवाद सामने आने के बाद प्रशासन लगातार चौराहे पर ड्यूटी कर रहा है. वही चौराहे के अंदर जाने पर रोक लगी हुई है, धारा 144 के तहत चौराहे को ही प्रतिबंधित किया गया है
Jodhpur : अमर शहीद बालमुकुंद बिस्सा की पुण्यतिथि पर उनके परिवार के सदस्यों ने कड़ी सुरक्षा के बीच में पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद कर नमन किया. दरअसल पिछले दिनों इसी मूर्ति के ऊपर झंडा लगाने का विवाद सामने आने के बाद प्रशासन लगातार चौराहे पर ड्यूटी कर रहा है.
वही चौराहे के अंदर जाने पर रोक लगी हुई है, धारा 144 के तहत चौराहे को ही प्रतिबंधित किया गया है. किसी भी संगठन या पार्टी की तरफ से बालमुकुंद बिस्सा को श्रद्धांजलि देने से रोकने के उद्देश्य से चौराहे को प्रतिबंधित किया हुआ है. शहीद बालमुकुंद बिस्सा के पारिवारिक सदस्य ने बताया कि पिछले दिनों मूर्ति पर झंडा लगाने की बात को लेकर विवाद हुआ था. उसके बाद उन्हें डर था कि वो लोग श्रद्धांजलि दे पाएंगे या नहीं लेकिन प्रशासन के सहयोग से उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की है, जिसके लिए प्रशासन को धन्यवाद दे रहे है और पिछले दिनों विवाद के कारण से ही सरकार ने यहां रोक लगा रखी है जो कि सही भी है, लेकिन वहीं उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हुए विवाद के बाद में उन्होंने प्रशासन को लिखित में पत्र देकर चौराहे की रेलिंग को बड़ी करने और परिवार के सदस्यों को आने जाने में सुविधा बनी रहे और नेशनल फ्लैग लगाने के लिए लिखा था लेकिन अभी तक यह कार्य हुआ नहीं है.
हालांकि इस दौरान श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर लोगों में भी मायूसी देखी गई. 35 साल से लगातार अमर शहीद बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर माल्यार्पण करने वाले सुशील व्यास ने बताया कि हर बार काफी लोग यहां आकर अमर शहीद बालमुकुंद बिस्सा अमर रहे के नारे लगाते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन एक छोटे से विवाद के चलते प्रशासन ने पूरी तरह से इस बार यहां रोक लगा दी है, जो कि सही नहीं है प्रशासन को चाहिए कि वो कोई और रास्ता निकालें, क्योंकि अमर शहीद बाल मुकुंद बिस्सा सिर्फ एक परिवार के नहीं है, सभी समाज के लिए एक आदर्श है और फ्रीडम फाइटर को सिर्फ 1 दिन श्रद्धांजलि नहीं रोज दे सकते हैं. लेकिन प्रशासन के रवैये से लोगों की भावना मन में ही रह गई. प्रशासन अपने इस फैसले के बारे में पुनर्विचार करें और नरमी बरते शहर में कोई भी ऐसा माहौल नहीं है जो सख्ती करने को मजबूर करें.
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें