Chandreshwar Mahadev Temple: उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है, जहां के देहरादून जिले में ऋषिकेश एक पावन तीर्थ स्थल माना जाता है. यहां भक्त मंदिर और घाट पर दर्शन करने आते हैं. यहां के हर एक मंदिर का अपना इतिहास और मान्यता है, जहां भारत के सभी कोनों से लाखों भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऋषिकेश में एक चंद्रेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. जानकारी के अनुसार, इस मंदिर में चंद्रमा और स्वामी विवेकानंद ने तपस्या की थी. चंद्रेश्वर महादेव मंदिर एक सिद्धपीठ है,  जो ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर, चंद्रभागा में स्थित है. 


चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. कहते हैं कि इस मंदिर में चंद्रदेव ने घोर तप किया था. दरअसल चंद्रदेव ने आदिकाल में श्राप से मुक्ति के लिए ऋषिकेश के इस स्थान पर आए और गंगा के किनारे उन्होंने भोलेनाथ की पूजा की. वहीं, लगभग 14,500 सालों के बाद महादेव ने चंद्रदेव को एक बूढ़े ब्राह्मण के रूप में दर्शन दिए और श्राप मुक्त किया. 


साल 1890 में स्वामी विवेकानंद ने यहां ध्यान लगाया. जिस गुफा में स्वामी विवेकानंद ने तप किया था, वह गुफा आज भी यहां है. चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर कई सारे आयोजन होते हैं. ऐसे तो रोजाना लोग यहां भगवान शिव को जल चढ़ाने आते हैं लेकिन यहां शिवरात्रि पर लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं. 


यदि आप कभी ऋषिकेश आते हैं, तो इस सिद्धपीठ चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाने और दर्शन करने जरूर आएं. बता दें कि मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे भक्तों के लिए खुल जाते हैं और दोपहर 12 बजे बंद हो जाते हैं. इसके बाद शाम को 4 बचे फिर से पट खुलते है और शाम 8 बजे आरती होने के बाद मंदिर बंद हो जाता है. 


यह भी पढ़ेंः हनुमानजी के इस मंदिर में रामायण सुनने आती है वानर सेना!


यह भी पढ़ेंः एक ऐसा कुआं, जो बताता है आपकी मौत की 'तारीख'!