Mahabharata : महाभारत में कई किरदार ऐसे रहे हैं. जिनकी कहानियां आज भी अनसुनी हैं. इन्ही में से एक है नकुल और सहदेव. इन दोनों के पास क्रमश कामदेव जैसी सुंदरता और भविष्य देखने की क्षमता थी. ये ही वजह थी की सहदेव को श्रीकृष्ण ने श्राप दिया था और कहा था कि महाभारत युद्ध का अंत किसी को ना बताएं वरना सिर के 100 टुकड़े हो जाएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहदेव और नकुल को ये शक्तियां मिली कैसे थी. दरअसल दोनों ने ही अपने पिता का मांस खाया था और ये शक्तियां हासिल की थी.


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सहदेव के पिता पाण्डु ज्ञानी थे. वो चाहते थे कि उनका ज्ञान सिर्फ उनके पुत्र ही हासिल करें. ऐसे में पाण्डु ने ये अंतिम इच्छा अपने पुत्रों को मृत्यु से पहले ही बता दी थी कि मेरी मृत्यु के बाद मेरे शरीर को खा लेना.  जब पाण्डु की मृत्यु हुई तो सबसे पहले पिता की अंतिम इच्छा को सहदेव ने ही पूरा किया.


इसके लिए पाण्डु के मृत शरीर के तीन टुकड़े किए गये. जैसे ही पहला टुकड़ा सहदेव ने खाया उसे इतिहास का ज्ञान मिल गया. दूसरा टुकड़ा खाते ही सहदेव को वर्तमान का ज्ञान हो गया और तीसरा टुकड़ा खाते ही उसे भविष्य दिखने लगा था. यानि की सहदेव त्रिकाल को जानने वाले ज्ञानी हो चुके थे.


महाभारत युद्ध का अंत किस प्रकार होगा और कौन जीतेगा ये सहदेव को पहले से पता था, लेकिन श्रीकृष्ण ने उन्हे चेतावनी और श्राप दिया था कि अगर ये किसी को बताया तो सिर के 100 टुकड़े हो जाएंगे. सहदेव के बारे में जानकारी का लोगों में अभाव है.


सहदेव ने द्रोपदी के साथ ही तीन और शादिया की थी. सहदेव के नाम से व्याधिसंधविर्मदन, अग्निस्त्रोत और शुकन परीक्षा नाम के ग्रंथों की जानकारी मिलती है. बताया जाता है कि सहदेव की मृत्यु के समय उनकी आयु 105 साल की थी. सहदेव बहुत अच्छे योद्धा थे.
(डिस्क्लेमर- ये लेख महाभारत और अन्य ग्रंथों पर आधारित है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)