Shani-Mangal Together : योग शनि और मंगल की युति से बनने वाले सबसे अशुभ योगों में से एक है. शनि के साथ छठे भाव में मौजूद मंगल और इन दोनों ग्रहों की युति इस अशुभ योग के निर्माण का कारण है. शनि और मंगल शत्रु ग्रह हैं, जबकि शनि दरिद्रता का कारक है और मंगल सभी हिंसा और संघर्षों के लिए जिम्मेदार है. इन दोनों की युति सभी राशियों और पूरी दुनिया के लिए नकारात्मक प्रभाव डालते हुए 3 राशियों के लोगों को खास रूप से प्रभावित करेंगी.


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कर्क 
षडाष्टक योग का निर्माण कर्क राशि के जातकों के लिए हानिकारक होगा. मंगल की उपस्थिति इनके जीवन में परेशानी और अस्थिरता पैदा कर रही है. जातकों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ये अवधि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ले आएंगी. उन्हें नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है और उन्हें कोई नया काम या उद्यम शुरू करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए. किसी बहस का हिस्सा इन लोगों को नहीं बनना चाहिए. आप लोग पॉजिटिव बने रहें और खुद के व्यवहार में विनम्रता भी रखे. फिजूलखर्च पर नियंत्रण रखें और भगवान शिव की आराधना करें.


सिंह
कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. अनचाही यात्राएं परेशान करने वाली हो सकती हैं. जीवन में बाधाओं का सामना करना होगा. माता पिता की सेहत बिगड़ सकती है. विवादों से बचने की कोशिश करें वरना नुकसान होगा. वाहन चलाते समय सावधान रहें. हादसे का डर बना हुआ है.


धनु
ये अशुभ योग आपके लिए हानिकारक है. किसी को उधार ना दें.और ना ही कहीं निवेश करें. वरना आर्थिक नुकसान के लिए तैयार रहें. समय अनुकूल नहीं है ऐसे में किसी भी तरह से नया काम शुरू करने की सोचे भी ना. ससुराल पक्ष के साथ लेन देन ना करें. पैसा वापस नहीं आएगा और रिश्ते खराब होंगे. सेहत को लेकर खास सतर्क रहे. खासतौर पर मुंह और गले में परेशानी हो सकती है.


(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी जी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)