Vipareet Raajayog : वैदिक ज्योतिष में राशियों के माध्यम से ग्रहों की चाल का व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण असर रहता है. जो किसी पर कम और किसी पर ज्यादा हो सकता है. किसी जातक की कुंडली में बना विशेष योग उसे विशेष शक्तियां देता है. 


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ये ज्योतिषीय योग जिन ग्रहों के मिलने से बनते हैं, उनके स्वभाव के अनुरूप की शक्तियां देते हैं और प्रभाव दिखाते हैं. ऐसा ही एक योग है विपरीत राजयोग. नाम से ये योग नकारात्मक लग सकता है , लेकिन ये एक लाभकारी योग है.


जब किसी जातक की कुंडली में 6,8 या फिर 12वें भाव के स्वामी एक ही स्थान पर दो दूसरे ग्रहों के साथ हो. जिससे की 6वें भाव का स्वामी 8वें या फिर 12वें भाव में हो या फिर 12वें भाव का स्वामी 6वें या 8वें भाव में हो तब विपरीत राजयोग बनता है.


हर 50 साल में होने वाले विपरीत राजयोग का प्रभाव सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. ये जातक के जीवन में महत्वपूर्ण सफलता और समृद्धि लाता है.  जिनकी जन्म कुंडली में मेष और तीन अन्य राशियों सहित विपरीत राजयोग है, वे वित्तीय लाभ, प्रगति और वृद्धि के नए रास्ते की उम्मीद कर सकते हैं.


मेष 
कुंडली में विपरीत राजयोग होने पर लाभ का अनुभव होगा.
ज्यादा मेहनत वाले कामों में लाभ मिलेगा.
शासन सत्ता के सहयोग से सफलता मिलेगी.
आर्थिक मजबूती आएगी.
शेयर बाजार में फायदा होगा( लेकिन किसी विशेषज्ञ की सलाह लें)


सिंह 
करियर का गोल्डन पीरियड आएगा.
 कई मौके मिलेंगे जिसमें आप खुद को साबित कर सकेंगे.
समाज में सम्मान मिलेगा.
बिजनेस में भी संपर्क बढ़ेगे और लाभ होगा.
प्रोपर्टी से मुनाफा हो सकता है.


तुला
कुंडली में विपरीत राजयोग आपको भाग्यशाली बना देता है.
करियर में उन्नति और विदेश यात्राएँ होंगी.
शेयर बाजार में कम निवेश से भी फायदा होगा.
कोई खोई हुई प्रोपर्टी मिल सकती है.


मकर
विपरीत राजयोग आपको अप्रत्याशित सफलता देंगे
ऐसी इच्छाएं भी पूरी होंगी जो की नहीं हो.
परिवार और कार्यक्षेत्र में मदद मिलेगी.
सामाजिक स्थिति में बढ़ोत्तरी होगी.
आपकी बात को गंभीरता से सुना जाएगा.


(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है )