सपोटराः 16 साल में भी नहीं मिला सुलभ शौचालय और यात्री विश्राम गृह का लाभ, पूर्व सरपंच ने अधूरा छोड़ा
करौली के सपोटरा पंचायत समिति के सामने बस स्टैंड पर 16 साल पूर्व निर्मित सुलभ शौचालय केवल दिखावा बना हुआ है, अब लोगों, यात्रियों और दुकानदारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सपोटरा: करौली के सपोटरा पंचायत समिति के सामने बस स्टैंड पर 16 साल पूर्व निर्मित सुलभ शौचालय केवल दिखावा बना हुआ है, अब लोगों, यात्रियों और दुकानदारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, यात्री विश्राम गृह भी देखरेख के अभाव में चालू होने से पूर्व जर्जर स्थिति में बना हुआ है. उपखंड मुख्यालय के बस स्टैंड पर पुलिस थाने के पास पंचायत समिति ने वर्ष 2006-07 में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सुलभ कॉम्लेक्स निर्माण के लिए दो लाख रुपए की स्वीकृति दी थी. जिस पर कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत सपोटरा ने 1 लाख 60 हजार की लागत से सुलभ शौचालय भवन निर्माण कर 6 शौचालय और 8 मूत्रालय के लिए अलग-अलग बनवा दिये गये.
लेकिन कॉम्प्लेक्स में पानी व बिजली कनेक्शन व्यवस्था के लिए शेष 40 हजार रुपए की राशि कम पड़ने पर ग्राम पंचायत ने पंचायत समिति को वापिस लौटा दी गई. जिसके कारण 16 साल पूर्व निर्मित सुलभ शौचालय महज शोपीस बनकर लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है. वहीं, देखरेख के अभाव में वर्तमान में सुलभ कॉम्प्लेक्स में गंदगी का आलम होने के कारण आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है.
ग्रामीणों,विशेषकर महिलाओं को बस स्टैंड पर एक भी शौचालय नहीं होने से गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी ग्रामीणों द्वारा उपखंड अधिकारियों को कई बार शिकायत करने के बाबजूद कोई कार्यवाही नहीं करने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
दूसरी ओर ग्राम पंचायत द्वारा कस्बे में दर्जनों स्थानों पर नलकूप लगाकर पानी की व्यवस्था की है, लेकिन सुलभ कॉम्प्लैक्स के लिए नलकूप व बिजली का प्रस्ताव भेजने की बात कहकर कन्नी काट रहे हैं. जबकि पुलिस थाना परिसर में पुलिस जवानों व फरियादियों के लिए महज 20 मीटर की दूरी पर निर्मित नवीन सुलभ शौचालय से पंचायत द्वारा 16 वर्ष पूर्व निर्मित सुलभ कॉम्प्लैक्स में पाईप लाईन लगाकर पानी की व्यवस्था की जा सकती है.
सुलभ कॉम्प्लैक्स के पास तत्कालीन ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2006-07 में एसएफसी योजनांतर्गत 2 लाख रुपए की लागत से विश्राम गृह का निर्माण कराकर यात्रियों की बैठक के लिए टेबिल भी लगा दी गई. लेकिन घटिया निर्माण होने के कारण दीवारों में दरार पड़ने के साथ फर्श भी धंस गया. जिसके कारण उपयोग में नहीं आने से नशेड़ियों द्वारा टेबिलों को तोड़ दिया गया.
अधिकारियों की अनदेखी के कारण वर्तमान में जानवरों की अठखेलियों के साथ लोगों ने पेशाबघर बना दिया है. जिसके कारण यात्रियों को बसों का इंतजार करने के दौरान आसपास की दुकानों पर शरण लेनी पड़ती है, वहीं नीम के पेड़ के नीचे रूकने से परेशानी का सामना करना पड़ता है. करौली-धौलपुर सांसद डॉ. मनोज राजोरिया द्वारा वर्ष 2017-18 में सुलभ शौचालय व यात्री विश्राम गृह के सामने स्थापित यात्री प्रतीक्षालय भी अनुपयोगी साबित हो रहा है.
Reporter- Ashish Chaturvedi
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