Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति को लेकर पूरे राजस्थान में खासा उल्लास रहता है. लोग घरों की छत पर डीजे लगाकर डांस करते हैं और पतंगबाजी का मजा लेते हैं. 


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लेकिन करौली में ऐसा कुछ आपको देखने को नहीं मिलेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि करौली में दशकों पुरानी पंरपरा आज भी चली आ रही है. 


जानकारों के मुताबिक करौली में मदन मोहन जी का विग्रह होने की वजह से यहां राजाओं के जमाने से ही मकर संक्रांति पर दान-पुण्य की पुरानी परंपरा रही है. संक्रांति के दिन यहां लोग जगह-जगह भंडारे लगाकर गरीबों के बीच मंगोड़े, गुड़, चंदिया और गर्म कपड़े बांटते हैं.


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बताया जाता है कि लगभग ढाई सौ साल पहले महाराजा गोपाल सिंह के समय से ही करौली में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर पतंग उड़ाने की परंपरा रही है. जिसका करौली के लोग आज भी निर्वहन कर रहे हैं.


जिले में मकर संक्रांति पर व्यापारियों की तरफ से भंडारे लगते है. क्योंकि पर्व पर दान की परंपरा यहां पुरानी है, इसलिए व्यापारीगण मंगोड़ा, पकौड़ी, पुआ, गर्म कपड़े सहित सभी प्रकार के दान गरीबों को देते दिखते है. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी करौली में जगह-जगह पर ऐसे भंडारे लगेंगे.


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