हिण्डौन सिटी: सूरौठ कस्बे के धुरसी रेल फाटक पर 27 करोड़ रुपए लागत से बनने वाले रेल ओवर ब्रिज के लिए रेलवे और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कस्बा सूरौठ पहुंचकर मौका मुआयना किया. स्थानीय लोगों ने अधिकारियों के समक्ष कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के खेल मैदान के बीच में होकर आरओबी बनाने का विरोध किया.  आरओबी बनाने वाली कंपनी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के एडिशनल जनरल मैनेजर अनुराग गुप्ता और अन्य अधिकारियों ने स्कूल में ग्रामीणों की बैठक ली.


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बैठक में अधिकारियों ने लोगों को भरोसा दिलाया कि स्कूल के खेल मैदान को बचाकर आरओबी बनाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा. इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के एडिशनल जनरल मैनेजर अनुराग गुप्ता, रेलवे ब्रिज लाइन के इंजीनियर अब्दुल बहीद एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रविंद्र कुमार मीणा कस्बे में पहुंचे. 


धुरसी फाटक पर मंजूर हुए रेल ओवर ब्रिज का मौका देखा. इस दौरान राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल सूरौठ के प्रधानाचार्य सोहन सिंह मीणा, पूर्व सरपंच नत्थू सिंह राजावत, हिंडोन देहात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता प्रमोद तिवाड़ी, शूटिंग बॉल संघ के जिला सचिव विश्राम मीणा, भाजपा नेता अमर सिंह मीणा, पंचायत समिति सदस्य बृजेश भारद्वाज, भूपाल सिंह मीणा आदि ने राजकीय स्कूल के खेल मैदान में होकर रेल ओवर ब्रिज बनाने के तैयार किए गए प्रस्ताव का विरोध किया. लोगों ने बताया कि खेल मैदान की जमीन में आरओबी बनने से विद्यार्थियों को खेलने के लिए जमीन नहीं बचेगी.


 लोगों ने खेल मैदान को बचाकर आरओबी बनाने की मांग की. इसके पश्चात अधिकारियों ने लोगों की बैठक ली. सरकार ने आरओबी बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है. भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाली इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड कंपनी ने आरओबी निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. रेल ओवरब्रिज बनने से सूरौठ कस्बे से सीधे जयपुर और अलवर जाने वाले यात्रियों की राह आसान हो जाएगी.


साथ ही 50 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को रेल फाटक पर आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा.कस्बे में विजयपुरा मार्ग पर स्थित धुरसी रेल फाटक पर ओवरब्रिज बनाने की मांग क्षेत्रवासियों की ओर से लंबे समय से की जा रही थी. आरओबी बनने के बाद रेल फाटक को समाप्त कर दिया जाएगा.


क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों के ग्रामीण धुरसी रेल फाटक को पार करके ही सूरौठ कस्बे में प्रवेश करते हैं, दिल्ली मुंबई बड़ी रेलवे लाइन पर ट्रेनों का अधिक दबाव होने के कारण धुरसी फाटक 24 घंटो में से करीब 16 घंटे तक बंद रहता है. फाटक बंद रहने पर जहां ग्रामीणों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है, वहीं, मरीजों व प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने में देरी हो जाती है. कई बार गंभीर मरीजों और प्रसूताओं को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत भी हो जाती है.


गांव धुरसी, विजयपुरा, बाईजट्ट, रीझवास, कलसाडा, अड्डा, खूटखेड़ा, भट्ट का पुरा, पाली, बेरखेड़ा, चुरारी, सीतापुर, लहचोडा, बल्लभगढ़, खिरकवास, चीखरू, बाजना सहित 50 से अधिक गांव धुरसी रेल फाटक को क्रॉस कर के ही सूरौठ कस्बे में खरीददारी करने अथवा सरकारी कार्यों के लिए आते हैं. 


ओवरब्रिज बनने से 50 गांवो को विशेष फायदा होगा. वर्तमान में सूरौठ कस्बे से जयपुर एवं अलवर जाने के लिए हिंडौन होकर महवा जाना पड़ता है. कस्बे में ओवरब्रिज बनने पर कलसाडा होते हुए सीधे ही महुआ पहुंचा जा सकता है. कस्बे से सीधे महुआ जाने पर करीब 15 किलोमीटर का फेर बचेगा और जयपुर व अलवर जाने की राह आसान होगी.


Reporter- Ashish Chaturvedi


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