karauli: करौली में शनिवार देर शाम किडनैप हुए लड़के का देर रात  शव मिलने से इलाके में सनसनी मची हुई है. शव नए पांचना पुल के पास  मिला ,  शव मिलने की सूचना पर पुलिस ने जल्द कार्रवाई करते हुए अपहरण के करीब 1 घंटे बाद ही एक महिला सहित बाइक सवार दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था. पुलिस जांच में आरोपियों ने हत्या कर शव पटकने की वारदात को अंजाम देना कबूल किया है.  तथा उनके बताई हुई जगह पर जाकर  बच्चा का शव बरामद  कर करौली हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया. 


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वहीं इस घटना से गुस्साए लोगों और भाजपा पादधिकारियों के जरिए अस्पताल में अपनी मांगों को लेकर धरना दिया. पुलिस प्रशासन से करीब 4 घंटे बाद बनी सहमति के बाद परिजनों , भाजपा पादधिकारियो और लोगों ने धरना समाप्त किया.
क्या थी घटना
बता दें कि रविवार सुबह करौली हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया. घटना को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है । हरिजन बस्ती गणेश गेट के पास रहने वाले  पप्पू ने बताया कि उसका 12 साल का बेटा गोलू शनिवार शाम 6 बजे के लगभग गणेश के गेट के पास खेल रहा था. इस दौरान एक बाइक सवार महिला और आदमी ने बेटे का अपहरण कर हिंडौन रोड की तरफ ले गए. रास्ते में एक जानकार को बालक उनकी बाइक पर दिखा. इस दौरान आरोपियों ने बच्चे के साथ मारपीट भी की.  इसके बाद उसने परिजनों को बालक के अपहरण की सूचना दी. 


वहीं सूचना पर परिजन बाइकों से दौड़े साथ ही पुलिस को सूचना दी. इसके बाद आरोपियों को मासलपुर चुंगी के पास से हिरासत में लिया गया. पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपियों ने बालक को किसी अन्य के सुपुर्द करने की बात कही. जिसके बाद पुलिस लगातार पूछताछ करती रही लेकिन आरोपी गुमराह करते रहे. देर रात कड़ाई से पूछताछ में आरोपियों ने बालक की हत्या कर शव नए पांचना पुल के पास डालने की बात स्वीकारी. जिसके बाद पुलिस दल मौके पर पहुंचा और आरोपियों की निशानदेही पर बालक के शव को बरामद कर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया है.


 घटना के बाद बालक के परिजनों और क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. शांति और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. पुलिस लगातार आरोपियों से पूछताछ कर हत्या के कारण जानने के प्रयास में जुटी.  वहीं दूसरी और 5 सूत्री मांगों को लेकर मृतक के परिजन भाजपा पादधिकारियो और लोगों के जरिए चिकित्सालय में धरना दिया गया. इसके बाद अतिरिक्त  कलेक्टर परशुराम मीणा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की समझाइश पर परिजन सहमत हुए और अपना ध्यान समाप्त किया.


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 इस दौरान 5 लाख की आर्थिक सहायता, प्रधानमंत्री आवास के तहत आवास बनवाने,  निशुल्क पट्टा देने, शहरी रोजगार गारंटी योजना में नौकरी  व शेष आरोपियों की पहचान कर सात दिवस में गिरफ्तारी के आश्वासन पर बालक के परिजनों ने धरना समाप्त किया.


Reporter: Ashish Chaturvedi