Karauli: वन विभाग संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले  वन कर्मियों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार कर गदका की चौकी स्थित उप वन संरक्षक कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान रेंजों में भी धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जिलाध्यक्ष सिकंदर सिंह ने बताया कि 15 सूत्री मांगो को लेकर वन कर्मी आंदोलनरत हैं. 


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जिलाध्यक्ष सिकंदर सिंह ने  बताया कि वन प्रशासन और राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वनकर्मियों ने 19 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2022 तक तक संभागीय स्तर पर धरने प्रदर्शन किए. दूसरे चरण में अरण्य भवन, जयपुर में 2 नवम्बर से 16 नवम्बर 2022 तक धरना दिया. 15 नवम्बर को प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीएन पाण्डेय के मौखिक आश्वासन पर धरना स्थगित कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक वनकर्मियों की न्यायोचित मांगों पर वन प्रशासन द्वारा कोई न्यायोचित कार्यवाही नहीं की गई. 


उन्होंने बताया कि राहुल गांधी व मुख्यमंत्री गहलोत को भी संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे है. लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में वन कर्मियों ने 1 फरवरी को जयपुर के शहीद स्मारक पर भी कूच किया. लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया. सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में न्यायोचित मांगों को लागू करने को लेकर कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रकट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर जल्द मांगे नहीं मानी तो वनकर्मी उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे.


कर्मचारियों की मांग है की वन अधिनस्थ कर्मचारी का आरोप है की उन्हें ये पता नहीं है कि उनकी कितने घंटे की ड्यूटी है.  सन 1985 से एक साइकिल भत्ता दिया जाता है. जबकि एक कर्मचारी का 1 महीने में 2500 तक का पेट्रोल जल जाता है. अगर पुलिस के समान  24 घंटे ड्यूटी है, तो हार्ड ड्यूटी अलाउंस, मैस भत्ता दिया जाए. वाहन चालकों को उसी पद से ही रिटायर होना पड़ता है. प्रमोशन होता ही नहीं है और बेलदार, कैटल गार्ड हैं एक ही पद से रिटायर हो जाते है. उन्होंने सरकार से जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की है साथ ही  मांगे पूरी नही होने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की चेतावनी दी .