Karauli: लघु बृज के नाम से विख्यात करौली में जन जन के आराध्य और क्षेत्र के प्रसिद्ध मदन मोहन मन्दिर, गोपाल जी मंदिर और नवल बिहारी मंदिर में नन्दोत्सव का आयोजन किया गया. कृष्ण जन्म के दूसरे दिन शहर के आराध्य मदनमोहन मंदिर में राजभोग आरती के बाद, कृष्ण जन्म के उपलक्ष्य में बधाई स्वरूप छाक लुटाने की परंपरा रही है. करौली में नंदोत्सव को दचका दौनद के नाम से भी जाना जाता है जिसका निर्वहन परंपरा अनुसार किया गया. इस अवसर पर राजपरिवार के सदस्य और मंदिर सोल ट्रस्टी कृष्ण चंद्र पाल व युवराज विवस्वत पाल एवं मन्दिर के गुसांई ने भगवान का प्रसाद भक्तों को बधाई के उपहार स्वरूप लुटाया.


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इस अवसर पर क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में पहुंचे भक्तों में भगवान की प्रसादी लूटने की होड़ मच गई. जिसके परिणाम स्वरूप प्रसादी पाने के लिए कई भक्तों को एक दूसरे में मान मनुहार कर प्रसादी लेते हुये भी देखा गया. छाक में भगवान की प्रसादी, रूपये, पैसे, मौसमी फल, सब्जियां भक्तों पर लुटाये जाने की पंरपरा है. जिसका निर्वहन शहर के लगभग चार सौ कृष्ण मंदिरों में से करीब सौ आज के समय में भी करते आ रहें हैं. छाक लुटने के तुरंत बाद रंग मिश्रित हल्दी, दही और पानी की बौछार भक्तों पर की जाती हैं, जिसमें सभी कृष्ण भक्त भीगने का आंनद लेते है और इसी रंग में भीगतें हुए प्रसादी लूटते है, जिसे लाला की छीछी भी कहा जाता है.


Reporter - Ashish Chaturvedi


 


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