Kota: कोटा के बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी घोटाले के मामले में आज गुमानपुरा थाना SHO और ASI पर गाज गिरी है. SHO और ASI पर आरोप हैं कि इन्होंने कंपनी के डायरेक्टर्स से सांठगांठ कर कंपनी की प्रॉपर्टी को बिकवाने में मदद की है. इतना ही नहीं जिन चार डायरेक्टर्स को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है उन्हें पुलिस हिरासत से रजिस्ट्री ऑफिस लेजाकर कंपनी की प्रॉपर्टी को अन्य लोगों को बिकवाने में मदद की है. 


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मामले में लापरवाही बरतने और मुस्लिमों को गिरफ्तार नहीं करने के आरोपों के चलत्ते SHO लखन लाल मीणा और एएसआई रिहाना को सस्पेंड किया गया है. कोटा सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अपेक्षा ग्रुप कंपनी के खिलाफ गुमानपुरा थाने में मुकदमा दर्ज है जिस पर आरोप है कि उसने शहर के 3500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया गया. उन्हें उलझा कर उनसे 200 करोड़ की ठगी की है. पीड़ित की शिकायत पर अपेक्षा ग्रुप कंपनी के 38 निदेशकों के खिलाफ 2 जनवरी को FIR दर्ज हुई थी. 


जिसमें अभी तक महज 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है. इसके अलावा सिटी एसपी को सूचना मिली थी कि अपेक्षा ग्रुप कंपनी के डायरेक्टर से लखन लाल मीणा की सांठगांठ है, जिन्होंने पुलिस हिरासत से मुल्जिमों को रजिस्ट्री ऑफिस भेजकर कंपनी की प्रॉपर्टी को बिकवाने में मदद की है. 


वहीं, अभी तक एसएचओ द्वारा अन्य डायरेक्टर्स को भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा था, जिसके बाद सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और गुमानपुरा थाना एसएचओ लखन लाल मीणा और एसआई रिहाना को को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. 
Report- KK Sharma


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