Ladpura: राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा संचालित पशु विज्ञान केंद्र द्वारा मंडानिया गांव में पशुपालक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके अन्तर्गत उन्नत पशु स्वास्थ्य, पोषण, प्रजनन और प्रबंधन तकनीकों से पशुपालकों को अवगत कराया और इससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए इन्हें अपनाने हेतु प्रेरित किया.


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प्रभारी अधिकारी डॅा. अतुल शंकर अरोड़ा और डॅा निखिल श्रृंगी ने पशुपालकों के समक्ष आने वाली विभिन्न समस्याओं के बारे में चर्चा की और पशुपालकों को उचित सुझाव और मार्गदर्शन प्रदान किया. साथ ही पशुओं में होने वाले संक्रामक रोगो जैसे खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, लंगड़ा बुखार आदि से बचाव और उपचार की विस्तृत जानकारी देते हुए पशु पोषण की नवीनतम तकनीकों के अन्तर्गत पशुपालकों को कम लागत में घर पर ही संतुलित पशु आहार बनाने का तरीका, अजोला उत्पादन और यूरिया उपचारित भूसा से पशुओं में होने वाले फायदों के बारे में भी विस्तार से समझाया है.


पशु प्रजनन और प्रबंधन की समस्याओं के निराकरण के क्रम में पशुओं के ब्याने से पूर्व और ब्याने के पश्चात रखी जाने वाली सावधानियां और ब्याने के बाद पशुओं में होने वाली बीमारी जैसे मिल्क फीवर और किटोसिस आदि के लक्षण, बचाव और उपचार के साथ ही नवजात वत्सों में खींस की उपयोगिता पर भी विस्तृत जानकारी दी है. इस दौरान पशुपालकों की शंकाओं का भी समाधान किया गया. इस एक दिवसीय पशुपालक वैज्ञानिक संवाद में 25 पशुपालकों ने भागीदारी निभाई है. 


Report: Himanshu Mittal


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