कोटा में पशुधन सहायकों पर अत्याचार, ड्यूटी के बाद भी करना पड़ रहा काम
कोटा के रामगंजमंडी में पशुधन सहायकों के साथ सौतेला व्यवाहार अपनाया जा रहा है. ड्यूटी खत्म होने के बाद भी उनसे रात में काम कराया जा रहा है. परेशानी तब और बढ़ जाती है जब महिला सहायकों के साथ पशुपालक बदतमीजी से पेश आते हैं. इस बारे में कई बार शिकायत की गई है, लेकिन इसपर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.
रामगंजमंडी/कोटा : जिले के रामगंजमंडी उपखंड के पशुधन सहायकों पर पशु विभाग द्वारा घोर हत्याचार किया जा रहा है. पशु धन सहायकों का कहना है कि हमे पशु विभाग द्वारा ड्यूटी समय के बाद भी फील्ड में कार्य करने के लिए जोर दिया जा रहा है. हम ज्यादातर महिला सहायक है. हम देर रात तक गाँवो में वैक्सीन व टैग लगाने करने के लिए फील्ड में भेजा जाता है. जहां पर हमें हर प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार एक तरफ तो नारी सुरक्षा की बात करती है. वहीं, हमें देर रात तक हम महिला सहायकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में दिन में पशु पालक नहीं मिलते हैं. कई जगह तो हम पशु पालनों द्वारा अपशब्द तो बोले जाते हैं. हमें जो टारगेट दिया है वो देर रात तक कार्य करने के बाद भी पूरा नहीं हो पता है.
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महिला सहायकों के साथ अभद्रता की घटनाएं
वहीं, पशु सहायक सोनम ने बताया कि फील्ड में समस्याएं तो बहुत सारी पर अभी जो fmd का चल रहा है, उसमें नो टैग नो वैक्सीन का नियम है, जिसके अंर्तगत हमें टैग भी लगने पड़ते हैं और उसके बाद वैक्सीन भी लगानी पड़ती है. ज्यादातर पशु पालक टैग लगाने से मना करते हैं.अगर उसके बाद कोई हा कर देता है तो जानवर हमसे कंट्रोल नहीं हो पाते हैं, क्योंकि फील्ड में ज्यादातर युवतियों है. इसलिए पशु पालक भी कुछ भी बोल देती है, हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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रात में भी करना पड़ता है काम
वहीं, पशु सहायक निकिता शर्मा ने बताया कि जब हम गांव में आते हैं तो हमें दिन में तो पशु मिलते नहीं है और रात में आते हैं तो पशु पालक बोलते हैं कि आप ही जाकर कर लो, उसके बाद हमसे रात में ना तो टैग लग पाते हैं ना ही वैक्सिननैशन हो पाती है. हम युवतियों है तो हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है.