Jhalawar : राजस्थान के झालावाड़ निवासी दलित समाज की एक बिटिया ने पटियाला में आयोजित इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर झालावाड़ का नाम रोशन किया है. झालावाड़ (Jhalawar News) की बेटी पूजा तेजी की सफलता पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रभारी मंत्री टीकाराम जूली ने भी बिटिया को ट्विटर के माध्यम से बधाई दी है और आगे उसके लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव मदद का वादा किया है. जालौर पहुंची बिटिया पूजा दीदी को जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने भी गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी .


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झालावाड़ की धावक पूजा तेजी (Pooja Teji) जिनके सिर्फ नाम में ही नहीं बल्कि रफ्तार में भी तेजी है. पूरा झालावाड़ जिला उड़न परी पूजा तेजी की रफ्तार का कायल है. राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतियोगिताओं और मैराथन में कई मेडल जीत चुकी है और हाल ही में पटियाला में आयोजित इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप (Inter State Senior Athletics Championship) में प्रथम स्थान पाकर गोल्ड मेडल जीता है.


जितनी तेज रफ्तार पूजा तेजी की है उतना ही कड़ा संघर्ष पूजा तेजी ने अपने जीवन में भी किया है. झालावाड़ के बस स्टैंड के हरिजन मोहल्ले की रहने वाली एक सफाई कर्मी की पुत्री पूजा तेजी ने खुद के जुनून के लिए अपने दलित समाज और परिवार की बेड़ियों को तोड़ा. अपने सपनों को पूरा करने के लिए शादी के कई रिश्ते भी तोड़े. यहां तक की अपने घर को भी छोड़ा. अपने जुनून के लिए घर से भागने वाली पूजा ग्राउंड में भागते-भागते झालावाड़ ही नहीं बल्कि राजस्थान में बड़ा नाम बन चुकी है. 


एथलीट पूजा तेजी ने बताया कि बचपन में वह अखबार में सिर्फ खेल की खबरें ही पढ़ा करती थी और जीतने वाले खिलाड़ियों के फोटो काटकर अपने पास रख लिया करती थी. उसी दौरान पूजा को बॉक्सिंग करने का जुनून सवार हुआ. जिसके बाद वह घर पर ही चोरी चुपके कपड़ों से बॉक्सिंग किया करती थी. उस समय पूजा को घर से बाहर निकलने की आजादी नहीं थी.
ऐसे में वह छत पर जाकर प्रैक्टिस करने लगी और धीरे-धीरे सुबह 4 बजे परिवार के उठने से पहले ही खेल संकुल में जाकर दौड़ लगाने लगी. कुछ दिनों में घरवालों को मालूम पड़ने पर ये भी बंद करना पड़ा. परिवार ने पूजा की जबरदस्ती सगाई कर दी, लेकिन पूजा ने सगाई तोड़ दी क्योंकि उसे अपना लक्ष्य पूरा करना था.


पूजा तेजी अपने सपने को पूरा करने के लिए परिवार के खिलाफ जाकर एक बार घर से भाग भी गई और तत्कालीन जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी के पास पहुंची और अपने सपनों के बारे में बताया. ऐसे में कलेक्टर ने पूजा को अपने आप को साबित करने के लिए कहा और घर पर ही रहते हुए जिला खेल अधिकारी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने को कहा. इस दौरान पूजा के परिजनों ने कहा कि वो खेलने की अनुमति तो देते हैं, लेकिन उसे बॉक्सिंग छोड़कर कोई और खेल खेलना होगा. ऐसे में पूजा ने एथलेटिक्स चुना. जिसके बाद पूजा ने पहली बार कोटा में एक मैराथन में भाग लिया. जिसमें महिलाओं की कैटेगरी में वह पहले नंबर पर और पुरुषों में चौथे नंबर पर आयी. यहीं से पूजा की कामयाबी का सफर शुरू हुआ जो आज तक बदस्तूर जारी है. 


इसके बाद उन्होंने झालावाड़, जयपुर, राजस्थान के कई जिलों में आयोजित हुई मेराथनों में भाग लिया. पिछले 3 साल से झालावाड़ के लिए एथलेटिक्स में राजस्थान स्तर पर मेडल लायी. पूजा ने राज्य स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं (National Athletics Championship) में भी भाग लिया और मथुरा, हैदराबाद और चंडीगढ़ जाकर भी उन्होंने मैडल जीता है और अब पटियाला में आयोजित 60 वीं इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर झालावाड़ का नाम रोशन कर दिया.


पूजा ने बताया कि अपने आप को साबित करने के बाद आज उनका पूरा परिवार उनके साथ है और उनके ऊपर गर्व महसूस करता है. उन्होंने बताया कि उनका अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में भाग लेना है. उनका सपना है कि वह देश के लिए मेडल लेकर आएं और परिवार और झालावाड़ का नाम रोशन करें. उन्होंने बताया कि वह रोजाना 10 घंटे प्रैक्टिस में बिताती है. इसमें सुबह 4 बजे से 10 बजे तक तथा शाम को 4 से 8 बजे तक रोज प्रैक्टिस करती हैं. पूजा के परिजनों ने बताया कि वो शुरू से ही बहुत मेहनती थी. रोज सुबह जल्दी उठकर प्रैक्टिस किया करती थी और उसी की बदौलत आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.


उधर प्रभारी मंत्री टीकाराम जूली और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी पूजा तेजी को बधाई दी है और उसके लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हरसंभव मदद का ऐलान किया है. बहराल दलित परिवार की बेटी यूथ आइकॉन बन गई है.


रिपोर्ट : महेश परिहार


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