Kota: कोटा की ग्राम पंचायत खैराबाद में चारागाह भूमि पर अवैध मिट्टी खनन कर बेचने के मामले में जिला परिषद से जाँच टीम पहुँची. टीम ने इस मामले में सरपंच बाबूलाल लोधा से देर तक पूछताछ की, उसके बाद चरागाह भूमि खसरा न. 552 पर जाकर गहनता से जाँच की गई. जानकारी के अनुसार खैराबाद की चारागाह भूमि पर अवैध खनन कर मिट्टी बेचने का मामला सामने आया था, जिसकी शिकायत ग्रामीणों व ग्राम पंचायतों के वार्ड पांचों को मिली तो, ग्रामीणों ने सरपंच बाबू लाल लोधा पर पैसे लेकर मिट्टी बेचने का आरोप लगाते हुए, सरपंच की खिलाफ एसडीएम व जिला प्रमुख एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ज्ञापन देकर मामले की जाँच करने के लिए आग्रह किया था. वही ज्ञापन में बताया कि खसरा न 552 जो कि ग्राम पंचायत रिकार्ड में चारागाह के नाम पर दर्ज है,उस चारागाह भूमि से मिट्टी खोदकर ग्राम पंचायत ने रेलवे ठेकेदार को बेच दी, जिससे चारागाह भूमि का स्वरूप बिगड़ गया. पंचायत ने अवैध खनन कर लाखों के राजस्व का चूना लगाया हैं, इसके साथ ही सरपंच ने अपने पद का दुरूपयोग कर खुद को और अपने मिलने वालों को लाभ दिया हैं. वही वार्ड पांचों का कहना हैं जब चारागाह भूमि पर अवैध खनन का मामला सामने आया तो सरपंच ने जल्दबाजी में फर्जी बैठक कर प्रस्ताव लिया है, जो पूरी तरह अवैध हैं वही सरपंच ने कुछ वार्ड पांचों को पैसे का लालच देकर उनसे प्रस्ताव पर साइन भी करवा लिये हैं.


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वही ग्रामवासियों ने ज्ञापन में बताया है कि सरपंच बाबू लाल लोधा ने पहले भी ऐसी प्रकार से मिट्टी बेची थी और अब दूसरी बार भी खुद को लाभ पहुँचने के लिए, रोबोट कंस्ट्रक्शन गुजरात कम्पनी को ठेका देकर मिट्टी बेच दी हैं. जिससे कम्पनी ने रामगंजमंडी सुभाष कॉलोनी से मोडक के पास तक का रेलवे ट्रैक तैयार किया जा रहा हैं, इसमें हजारों टन मिट्टी सप्लाई की जा चुकी है. पूर्व सरपंच की मिलीभगत से खैराबाद पंचायत की चरागाह भूमि पर रेलवे के ठेकेदार द्वारा अवैध खनन कर मिट्टी बेचने की खबर सामने आने के बाद खनिज विभाग ने अवैध खनन को मानते हुए, रेलवे ठेकेदार पर 7 लाख का जुर्माना भी लगया था. वही खैराबाद सरपंच पर सरपंच पद का दुरुपयोग कर मिट्टी बेचने के मामले में एसडीएम व जिला परिषद सीओ को ज्ञापन भी दिया था. 



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इस पूरे मामले पर जाँच कमेटी सरपंच से पूछताछ करेंगी और मामले की जांच कर रिपोर्ट जिला परिषद में सौपेंगी.  जाँच कमेटी ने बताया हैं कि चारागाह भूमि पर अवैध खनन का मामला सामने आया था, जिसके बाद जिला परिषद से जाँच के लिए एक टीम बना कर खैराबाद ग्राम पंचायत में भेजी गई जो पूरे मामले की गहनता से जाँच कर रिपोर्ट जिला परिषद में सौंप देगी.


 


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