Kota: राजस्थान का एक मात्र ऐसा जिला कोटा जहां पर चंबल नदी में बोट से जंगल सफारी कराइ जाती है.पर्यटक बोट सफारी से वन्य जीव दर्शन करते हैं, और चंबल की कराइयों और घाटियों को देख कर मनमोहक हो जाते है पर्यटकों को बोट सफारी कोटा के चम्बल गार्डन से शुरू करते हैं,


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चम्बल नदी के रास्ते गरडिया महादेव तक घने जंगल और वन्य जीवों और जलीय जीवो को देख कर आनंद लेते हैं. चंबल घड़ियाल सेंचुरी में पाए जाने वाले जलीय जीवों में स्तनधारी जीव ऊदबिलाव (औटर ) पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता है. इस चंबल सफारी में आकर्षण का केंद्र होता है.


 चंबल नदी में विशालकाय मगरमच्छ ( क्रोकोडाइल ) पर्यटकों को चटानो पर बैठे हुए नजर आ जाते हैं, वहीं अगर बात की जाये जंगलि जीवो की तो पर्यटक चम्बल सफारी बोट द्वारा भालू , पैंथर , जरख , जंगल कैट ,इंडियन ईगल आउल ,ब्राउन फिश आउल ,डस्की होर्नेड आउल ,बोनेल्लिस ईगल नील गाय, चिंकारा ,आदि वन्य जीव पर्यटकों को आसानी से दिख जाते है.


दोनों सेंचुरी (मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व घड़ियाल सेंचुरी )अब बात की जाये पर्यटकों के आने की कोरोना के समय बोट सफारी बंद थी,2022 में पुन शुरू हुई, जिसमे पर्यटक आने लगे और 2022 में 5 से 6 हजार पर्यटक 2023 में पर्यटको की संख्या में इजाफा हुआ है.अगर आप भी चम्बल बोट सफारी का आनंद करना चाहते हैं, तो वन विभाग सीसी फ पहुंचे.जहां पर चंबल बोट सफारी का टिकट 1600 से 1800 रुपए होता है. जिसमे 2 घन्टे में दो सेंचुरी देखने का मौका मिलता है.


वो नजारे अदबुद्ध हैं, छटा मनमोहने वाली है. animal की जो प्रजातियां हैं, वो भी चंबल की कराईओं को अपना घर बना चुकी है. इन तस्वीरों के साथ आपने चंबल की खूबसूरती को देखा जाना निश्चित ही ये सब खास है, इतना की आप अगर एक बार इस सैर पर निकलेंगे तो कभी भूल नहीं पाएंगे.


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