Kota: फेफड़े उखड़ रहे हैं... दम घुटने लगा है... कोरोना (Corona) ने फेफड़ों का हाल कुछ ऐसा कर दिया कि बिना सिलेंडर के दी चार कदम चलना भी दूभर हो रहा है और हालात अब ये हो चुके हैं कि बाजार से ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) भी खत्म हो चुके हैं. अस्पताल में कहीं जगह नहीं बची. जाएं तो जाएं कहां ये कोई नहीं जानता.


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कोटा (Kota) में कोरोना (Corona) से हालात बेहद विकट हो रहे हैं. कोरोना वायरस लोगों के फेफड़ों को खोखला कर चला है. सांस लेना दुश्वार हो रहा है. हालत ऐसी हो चुकी है कि ऑक्सीजन सिलेंडर किसी वाहन की तरह अपने साथ लेकर चलना पड़ रहा है. व्हील चेयर पर जा रही महिला को अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर ही चलना पड़ रहा है. ऐसे में हालातों को देखकर अंदाज लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि कोविड वायरस ने इंसान को सांसों के लिए कितना मोहताज कर दिया है?


अस्पतालों में बेड खत्म हो चुके 
एक तरफ महामारी दूसरी तरफ संसाधनों के टोटे ने आम आदमी की जिंदगी को और कम कर दिया है. अस्पतालों में बेड खत्म हो चुके हैं. ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है. रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) खत्म हो चुके हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने तो जगह फुल होने के कारण नए मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है. ऑक्सीजन की कमी से बीते दिन दो मरीजों ने तड़प-तड़प कर जान दे दी. ऐसे में इंसान अब सिर्फ भगवान भरोसे हैं.


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बूंदी से कोटा लाये गए हैं 45 ऑक्सीजन सिलेंडर 
कोटा मेडिकल कॉलेज (Kota Medical College) में ऑक्सीजन खत्म होने पर आस-पास के जिलों में ऑक्सीजन की तलाश शुरू की गई और फिर पुलिस सुरक्षा के बीच 45 ऑक्सीजन सिलेंडर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बूंदी से कोटा लाये गए हैं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट में लगाया जा रहा है ताकि भर्ती मरीजों को कुछ और देर राहत मिल सके लेकिन सवाल है कि कब तक? आखिर ये कब तक और कितनी देर तक ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरी कर पाएंगे?


Reporter- KK Sharma