Corona हालातों के आगे Kota Medical College के संसाधनों ने टेके घुटने, मरीज परेशान
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Corona हालातों के आगे Kota Medical College के संसाधनों ने टेके घुटने, मरीज परेशान

कोटा मेडिकल कॉलेज से लेकर के सभी प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म हो चुका है. अब हालात यह बन चुके हैं कि जरूरतमंदों को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Kota: जिले के मेडिकल कॉलेज (Medical College) के संसाधनों ने अब हालातों के आगे घुटने टेकना शुरू कर दिया है. मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन बेड (Oxygen Bed) से लेकर रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) खत्म हो गए हैं. अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं. नए मरीजों को भर्ती करने से अब अस्पताल प्रबंधन ने मना कर दिया है.

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कोटा (Kota) में कोरोना के हालात भयावह बन चुके हैं. लगातार कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं, ऐसे में अस्पतालों की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है अब हालात यह बन चुके हैं कि अस्पतालों में न बेड हैं, न अस्पतालों में ऑक्सीजन, और न अस्पतालों में दवाई यानी लगभग लगभग सभी संसाधन जवाब दे चुके हैं.

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कोटा मेडिकल कॉलेज ने मान ली हार
कोटा मेडिकल कॉलेज (Kota Medical College) में कल एक दिन में 19 मरीजों की मौत रिकॉर्ड आंकड़े पर पहुंच गई है. अब हर रोज कोटा में कोरोना मरीज भी एक हजार के पार ही आते हैं. कोरोना बड़ी चुनौती बन गया है. एक्टिव केस इतने हो गए हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन बेड और आईसीयू मिलना मुश्किल हो गया है. कोटा मेडिकल कॉलेज ने तो अब इन हालातों के सामने लगभग अपनी हार मान ली है.

ऑक्सीजन सिलेंडर की स्थिति 
1900 ऑक्सीजन सिलेंडर की हर रोज खपत है और मेडिकल कॉलेज के पास सिर्फ 1830 सिलेंडर मौजूद हैं.

रेमडेसिविर इंजेक्शन 
कोटा मेडिकल कॉलेज से लेकर के सभी प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म हो चुका है. अब हालात यह बन चुके हैं कि जरूरतमंदों को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.

ऑक्सीजन बेड
कोटा मेडिकल कॉलेज से लेकर सभी प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड का इतना बड़ा क्राइसिस है कि ऑक्सीजन बेड फुल हो चुके हैं. अब किसी भी नए मरीज को भर्ती करने के लिए स्पेस नहीं बचा है.
लगातार हर रोज कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. अस्पताल के संसाधन जवाब देने लगे हैं और अब ऐसे में स्थिति पूरी तरह से चिंता में डाल देने वालीं और चुनौतीपूर्ण हो गई है.

 

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