Kota News: कोटा जिले की रामगंजमंडी क्षेत्र में कुछ दिनों से शर्मशार करने वाली तस्वीरे सामने आई है, जहां ग्रामीणों को दाहसंस्कार करने के लिए कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


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उपखंड क्षेत्र में आज भी कई गांवों में शमशान नहीं है. जिससे ग्रामीणों को बारिश के मौसम दाह-संस्कार करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में शुक्रवार को धरनावद ग्राम पंचायत के गांव तेलियाखेड़ी में शमशान की हालत ऐसी है कि अगर बरसात में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसका दाह संस्कार करना मुश्किल हो जाता है. ना तो शमशान जाने का रास्ता है ना दाह संस्कार करने की जगह. ना ही टीनशेड बने हुए है. कई बार सरपंच विधायक सांसद को अवगत करा दिया है पर अभी तक किसी के कान पर जूं तक नही रेंगी.


 नेता लोग हर बार वादा करके चले जाते है और जीतने के बाद सब भूल जाते गए गांवो में वर्षों से मुक्तिधाम की दरकार है. लेकिन किसी ज़िम्मेदार ने आज तक इसकी सुध नहीं ली. लिहाजा स्थानीय लोग मृतकों का अंतिम संस्कार अपने खेतों पर करते हैं. बरसात में जब खेतों तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता है तो अंतिम संस्कार के लिए इसी तरह की तस्वीरें सामने आती हैं.


सरकार से लेकर बड़े धनकुबेर और रामगंज मंडी के नेता तक अंतिम संस्कार के स्थल मुक्तिधाम में सुविधाओं का निर्माण करवाते रहते हैं. रामगंज मंडी क्षेत्र के कहीं ऐसे गांव है. जहां पर मुक्तिधाम की स्थिति इतनी दयनीय है. यह कोई कल्पना नहीं बल्कि ऐसी कही मुक्तिधाम की व्यथा है. जिस पर हर पांच साल में सरकारी सिस्टम ने जगह चिन्हित कर टीनशेड और चबूतरा बनाने एवं पक्का पहुंच मार्ग बनाने के लिए लाखों का बजट खर्च हुआ है. इसके बाद भी अंतिम संस्कार की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है. सोचने वाली बात यह है कि यह लाखों का बजट गया तो आखिर कहां गया नेता चिल्ला के बोल रहे है. कि हमने करोड़ का विकास कराया है लेकिन रामगंज मंडी क्षेत्र में कहीं नजर नहीं आ रहा है.


Reporter: KK Sharma


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