Kota News: कोटा शहर में असुरक्षित वाहनों में आवागमन से विद्यार्थियों के जीवन को उत्पन्न गम्भीर संकट के विषय में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के क्षेत्रीय सह संयोजक इरशाद अली ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर देश के नौनिहालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.


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उन्होंने हाल ही में कोटा शहर में स्कूली छात्रों को ले जा रही बस के पलटने से अनेक बच्चों के घायल होने की घटना का विवरण देते हुए कहा कि इस घटना में आस पास के लोगों ने समय रहते ही बचाव कार्य कर घायलों को चिकित्सालय पहुंचा दिया. लेकिन शहर में ऐसी दुर्घटना कभी भी कहीं भी हो सकती है. क्योंकि वर्तमान में विद्यार्थियों को घरों से स्कूल ले जाने वाले अधिकांश वाहन सुरक्षित नहीं हैं.


उपर्युक्त दुर्घटना में, बस में आपात निकास द्वार नहीं होने के कारण कांच तोड़कर बच्चों को बाहन निकालना पड़ा. अधिकांश बसों में आपात निकास द्वार नहीं हैं. अग्निशमन के ऊपकरण नहीं हैं. यदि दुर्भाग्यवंश कोई दुर्घटना हो जाती है तो न तो बाहर निकलने की व्यवस्था है. यहां तक कि इनमें से कई वाहन तो सालों पुराने कबाड़ हो चुके हैं. जिनके पास फिटनेस भी नहीं है.


नियमानुसार स्कूली वाहन पीले रंग का होना चाहिए, जिसमें स्कूल का नाम व मोबाईल नम्बर लिखा होना चाहिए, वाहन सीएनजी या एलपीजी चालित नहीं होना चाहिए. इसी प्रकार ऐसे वाहनों में स्पीड गवर्नर भी अनिवार्य है. जबकि वास्तविकता यह है शहर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में गैर व्यावसायिक और घरेलु वाहनों से हजारों विद्यार्थियों का आवागमन हो रहा है जो अंधाधुंध गति से दौड़ रहे हैं.


पूर्व पार्षद पपेन्द्र गहलोत ने कहा सीएनजी और एलपीजी पर चल रहे वाहन किसी भी दृष्टि से सुरक्षित नहीं हैं और क्षमता से अधिक सवारियां वहन कर चल रहे है. नियमों की ऐसी अवहेलना भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना के साथ जान माल की हानि का कारण बन सकती है. इस हेतु हमारा आपसे अनुरोध है कि विशेष जांच अभियान चलाकर नियमों की पालना नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करवाई जाये तथा असुरक्षित वाहनों को जप्त करवाया जाये. कार्यवाहक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राजीव त्यागी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे शीघ्र ही इस विषय मे कार्रवाई करेंगे और बच्चों का सुरक्षित आवागमन मुहैया होगा.