कोटा को जल्द मिलेगी चंबल रिवर फ्रंट की सौगात, मंत्री शांति धारीवाल के प्रयास से मिलेगी नई पहचान
Kota News: कोटा को कोचिंग हब के रूप में देशभर में जाना जाता है, लेकिन अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विजन से कोटा को नई पहचान मिलने जा रही है. यहां करीब 12 सौ करोड़ की लागत से तैयार हुए चंबल रिवर फ्रंट की सौगात जल्द लोगों को मिलने वाली है.
Kota: कोटा जिसे एजुकेशन सिटी के तौर पर जाना जाता है लेकिन कोटा की जमी पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विजन से जो प्रोजेक्ट बनकर के तैयार हुआ है, वो कोटा की नई पहचान कोटा में करीब 12 सौ करोड़ की लागत से तैयार हुए चंबल रिवर फ्रंट की सौगात कोटा को जल्द मिलने जा रही है. अगले महीने इसके उद्घाटन की तैयारियां की जा रही हैं. इस प्रोजेक्ट से कोटा को ना केवल नई पहचान मिलेगी बल्कि कोटा में पर्यटन का बड़ा हब् भी तैयार होगा तो आप भी देखिए कैसा है यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विजन से तैयार हुआ चंबल रिवर फ्रंट और इसकी खूबियां इस विशेष रिपोर्ट के जरिए.
पूरे देश में कोचिंग सिटी के नाम से पहचाने वाले कोटा को पर्यटन नगरी में तब्दील करने के लिए सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट का काम जोरों पर चल रहा है जो अपने अंतिम पड़ाव पर है इस रिवर फ्रंट को फर्स्ट फेज में करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत से कोटा बैराज से नयापुरा चंबल ब्रिज तक नदी के दोनों और किनारों पर रिवर फ्रंट डेवलप किया गया हे फर्स्ट फेज में चंबल नदी के दोनों किनारों पर 6 किलोमीटर का एरिया तैयार है. जो लगभग पूरा हो गया है और फिनिसिंग स्टेज के काम चल रहे हैं.
अब अगले महीने पूरा होना है और भव्य लोकार्पण समारोह के साथ इसकी सौगात मिलने वाली है सरकार के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस प्रोजेक्ट को दूसरे चरण में भी डिवेलप करने की डीपीआर सरकार के पास भेजी है जो स्वीकार कर ली गई है. दूसरे फेज में चंबल के नयापुरा ब्रिज से लेकर रेलवे ब्रिज तक नदी के दोनों किनारों पर 19 किलोमीटर की लंबाई रिवर फंड की हो जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि न्यूयॉर्क के हडसन का रिवर फ्रंट से भी बड़ा यह हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट होगा.
फर्स्ट फेज में चंबल रिवर फ्रंट का प्रोजेक्ट देश में नहीं बल्कि दुनिया भर में एक नई और अलग पहचान देगा. इस रिवर फ्रंट में मनोरंजन ज्ञान संस्कृति अध्यात्म के साथ-साथ दुनिया के अलग-अलग देशों की झलक देखने को मिलेगी. चंबल नदी को कोटा में देवी का दर्जा दिया जाता है और उसका ध्यान में रखते हुए यहां विशाल चंबल माता की प्रतिमा भी बनी है जिसमें 20 मीटर पिस्टल व 40 मीटर ऊंची चंबल माता की प्रतिमा स्थापित की गई है रिवर फ्रंट के घाट पर कई मशाले लगाई गई है जिसका प्रतिबिम्ब नदी में दिखाई देगा.विश्व के पर्यटन स्थलों के लिए उनके खानपान की व्यवस्था के साथ अनेक देशों की वास्तुकला को एक रूप में प्रसारित किया जाएगा. यहां अलग-अलग घाटों का निर्माण किया गया है यही नहीं भारतीय जीवन शैली के योग अध्यात्म को ध्यान की शिक्षाओं से जोड़ने के लिए आध्यात्मिक घाटों का निर्माण किया जा चुका है.
मुख्य आकर्षण भगवत गीता पर आधारित कई निर्मित प्रतिबिम्ब रिवर फ्रंट पर दिखाई देगी. फ्रंट पर राजस्थान के विरासत की झलक देखने को मिलेगी जिसमे ऊंट, घोड़े सवारी आनंद लेते हुए के प्रकार के वास्तु कला यह नजर आएंगे. यहां एक साहित्य घाट भी बनाया जा रहा है जिसमें कवि तुलसीदास, सूरदास, कालिदास, कबीर, मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा की आकृतियां भी दिखाई देगी.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि मई महीने में इसकी सौगात मिलेगी विधिवत लोकार्पण होगा बकायदा एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें राजस्थान सरकार के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे कैबिनेट की मीटिंग भी यहां पर होंगी इन सबके बीच कई इवेंट भी आयोजित किए जाएंगे.
तो हर तरह से नायाब है यह प्रोजेक्ट खास है कोटा को नई पहचान देगा एजुकेशन सिटी कोटा को पर्यटन सिटी बनाएगा कोटा में रोजगार के नए अवसर देगा एक तरफ जहां चंबल रिवर फ्रंट पार्ट वन की सौगात मिलेगी तो इन सब के साथ चंबल रिवर फ्रंट पार्ट 2 का काम भी जल्द शुरू होगा इस तरह की उम्मीद लगाई जा सकती है.
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