पीपल्दा में लम्पी स्किन का कहर लेकिन पशु अस्पताल में ना तो डॉक्टर और ना दवा
दीगोद उपखण्ड के नोडल पशु चिकित्सालय दीगोद का हाल हो रहा है. जीर्ण शीर्ण भवन में संचालित ये पशु अस्पताल महज एक महिला पशुधन सहायक के भरोसे संचालित हो रहा है
Pipalda : देशभर के साथ पूरे राजस्थान में पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज बीमारी को लेकर पशुपालक खासा परेशान है. कोटा के सुल्तानपुर में अधिकांश पशुओं में लम्पी स्कीन जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे है, लेकिन यहां क्षेत्र के पशु चिकित्सालयों में भी स्थिति काफी खराब हो रही है. कहीं पशु चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है, तो कहीं पशु अस्पतालो पशुओं के उपचार में आवश्यक सामान्य दवा तक नहीं मिल पा रही है.
ऐसा ही कुछ दीगोद उपखण्ड के नोडल पशु चिकित्सालय दीगोद का हाल हो रहा है. जीर्ण शीर्ण भवन में संचालित ये पशु अस्पताल महज एक महिला पशुधन सहायक के भरोसे संचालित हो रहा है, जहां पशु चिकित्सक का पद भी रिक्त होने से पशुपालकों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. यहां पूर्व में पशु चिकित्सक डॉ. सुभाष भटनागर को लगाया हुआ था. जिनका 29 जुलाई को कैथून स्थानांतरण हो गया, लेकिन उनकी जगह किसी को नहीं लगाया और न ही किसी को नोडल पशु चिकित्साधिकारी का चार्ज दिया. ऐसे में पशु चिकित्सा भगवान भरोसे चल रही है.
पशु चिकित्सालय में नहीं मिला कोई चिकित्सक
किसान कांग्रेस देहात उपाध्यक्ष हरिप्रकाश शर्मा के साथ पशु चिकित्सालय पहुंचे. लेकिन वहां पर कम्पाउंडर महावीर मीणा के सिवाय कोई मौजूद नहीं मिला. हालात ये थे कि यहां जानवरों में फेल रही बीमारी से सम्बंधित कोई दवा पशु चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है. कांग्रेस देहात जिला उपाध्यक्ष हरिप्रकाश शर्मा ने बताया कि पशुओं में लगने वाले जुए, कीड़ों की दवाई भी नहीं मिल रही है. इसके बाद सभी लोग होम्योपेथी चिकित्सालय पहुंचे. इस दौरान ग्रामीण श्याम खारौल , सीन्टू नागर , दीपक मेहरा , महेन्द्र नागर, मोडू लाल नागर , गुड्डू भाई, ओम प्रकाश नागर , तारीफ, शैलेन्द्र , पवन , तोहित पठान, दीनदयाल नागर , मनोज खंडेलवाल , किशन सेन , राजू महावर , मनोज खंडेलवाल, किशन सेन , अजय समेत कई मौजूद थे.
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