कोटा:  खाद्य पदार्थों में मिलावट करना अब महंगा पड़ेगा. मिलावट करने वालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.  क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट के लिए अब महीनों इंतजार नहीं करना होगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मोबाइल वैन चलाया गया है जो मौके पर ही खाने वाले सामनों की जांच कर बता देगा कि यह असली हा या नकली है. जिले के अलग-अलग गांवों में यह वैन हर रोज जाकर खाद्य पदार्थों की सैंपल की क्वालिटी चेक कर रहा है. खास बात यह है कि इसके लिए कोई शुल्क या फीस नहीं देना पड़ेगा.यह योजना पूरी तरह से निशुल्क है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोटा चिकित्सा विभाग के अधीन केंद्रीय प्रयोगशाला की खाद्य विश्लेषक प्रियंका सोनी ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से यह मोबाइल वैन चलाई जा रही है, जिसमें टेस्ट का रिजल्ट ऑन स्पॉट रहता है. साथ ही सभी संसाधन इस वैन के अंदर मौजूद हैं.


वैन मौके पर जांच कर देती है रिपोर्ट 


जिनसे कई तरीके के खाद्य पदार्थों के क्वालिटी टेस्ट किए जा सकते हैं मावे और मिठाई में स्टार्च, कार्बोनेट,दूध में यूरिया,मसालों में कलर की मिक्सिंग समेत अन्य चीजों में हुई मिलावट की जांच की जा रही है और मौके पर ही रिपोर्ट दे दी जा रही है. यानी कोई भी व्यक्ति कभी भी अपने खाद्य पदार्थों का क्वालिटी टेस्ट करवा सकता है और रिजल्ट भी हाथों-हाथ पा सकता है ।वही खाद्य विशेषज्ञ प्रियंका सोनी ने बताया कि हर रोज हजारों की संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं।


पकड़े जाने पर होगी कानूनी कार्रवाई


मोबाइल वैन के जरिए यह भी बताया जा रहा है कि कोई भी व्यापारी किसी भी चीजों में मिलावट नहीं करें. मिलावट पकड़े जाने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब जिले में मिलावटी वस्तुएं धड़ल्ले से बिक रही है. लोगों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस पर नकेल कसने के लिए मोबाइल वैन की शुरुआत की है. 


Reporter- K K Sharma