Kota: नीट पीजी काउंसलिंग (NEET PG Counselling) में हो रही देरी को लेकर के रेजिडेंट डॉक्टर (Resident Doctor Strike) की हड़ताल अब मुसीबत बनती नजर आ रही है. कोटा की अगर बात की जाए तो कोटा में 240 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है. इसके बाद अब कोटा के एमबीएस अस्पताल मेडिकल कॉलेज (Mbs Hospital & Medical College) और जेके लोन अस्पताल (J. K. Lon Hospital) जो की पूरी तरह से रेजिडेंट डॉक्टर के भरोसे ही चलते हैं, यहां अब चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है.


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अब हालात यह बन गए हैं कि ओपीडी ब्लॉक में मरीजों की तादाद कम हो गई है. मरीज निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं तो उससे चिंताजनक बात यह कि अस्पताल में होने वाले जो ऑपरेशन है, उन्हें फिलहाल टाला जा रहा है. रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मरीजों के लिए भारी पड़ती नजर आ रही है क्योंकि सभी सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर ही मोटे तौर पर चिकित्सा व्यवस्था को संभालने वाली कमान होती है लेकिन जैसे ही रेजिडेंट हड़ताल पर गए हैं. उसके बाद चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी होती नजर आ रही है.


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हड़ताल की वजह से यहां आने वाले मरीजों की तादाद में बड़ी कमी हो गई है क्योंकि यहां रेजिडेंट डॉक्टर के नहीं होने की वजह से मरीजों को कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में मरीज अब निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं वही दूसरी तरफ यहां होने वाले ऑपरेशन टाले जा रहे हैं. सबसे ज्यादा ऑपरेशन जेके लोन अस्पताल में डाले गए हैं, यहां गायनी में होने वाली ज्यादातर सर्जरी को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है. ऐसे में परेशान मरीज इन अस्पतालों से अपने मरीजों की छुट्टी करा कर के निजी अस्पतालों में शिफ्ट करवा रहे हैं. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर साफ मन बना चुके हैं कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, जब तक नीट पीजी काउंसलिंग की सीटों को लेकर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक वो काम पर नहीं लौटेंगे.