Ramganj Mandi, Kota: राजस्थान के कोटा जिले की रामगंजमंडी में खैराबाद पंचायत समिति के सदस्यों ने उपखंड कार्यालय पहुंचकर एसडीएम कनिष्क कटारिया को मुख्यमंत्री और पंचायत राज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, जिसमें पंचायत समिति सदस्यों ने निर्वाचन होने के बावजूद कोई अधिकार नहीं होने को लेकर 9 अधिकृत अधिकार देने की मांग की है. उपप्रधान सुनील गौतम ने बताया कि पंचायत समिति सदस्य भी पंचायत राज में निर्वाचित प्रक्रिया के तहत पंचायत समिति में पहुंचे, लेकिन पंचायत समिति सदस्य के पद का कोई ओचित्व ही नहीं है. 


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पंचायत प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का अधिकार नहीं दिया हुआ है, जहा तक की जाति प्रमाण पत्र और मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए भी हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है, जिससे जिन मतदाताओं के भरोसे हम सभी पंचायत समिति पहुंचे. अब उनकी नजरों में भी आ रहे है और बिना अधिकार ग्रामीणों से वादे किए हुए कार्य भी नहीं करवा पा रहे है. वहीं हमें ये 9 सूत्रीय अधिकार दें, जिससे ग्रामीणों के अधिक से अधिक कार्य हो सकें. ज्ञापन देने में पंचायत समिति सदस्य प्रेमबाई, स्वाति, विष्णु बाई, सीमा मेघवाल, नवनीत पारेता, ममता रैगर, प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश मेघवाल, अजय मीना जयवीर सिंह आदि मौजूद रहे.


ये हैं 9 सूत्रीय मांगें
पंचायत समिति सदस्यों ने मांग रखी है कि हमें भी सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख के तर्ज पर प्रशासनिक अधिकार दिए जाए, जिससे हम भी दस्तावेजों का सत्यापन या प्रमाणीकरण कर सके. पंचायत समिति सदस्य निर्वाचन क्षेत्र में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा अनुदान राशि से क्षेत्र के विकास कार्य के लिए निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध की जाए. वहीं अपने वार्ड में पंचायत समिति पर विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए ग्राम पंचायतों के सरपंच की प्रपत्र 5 दिए जाने की अनिवार्यता को हटाया, यह अधिकार पंचायत समिति सदस्य को दिया जाए. 


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प्रधान, जिलाप्रमुख और सरपंच की तर्ज पर मानदेय 10 हजार रुपये दिया जाए और पंचायत क्षेत्र में होने वाले विकास कार्य पर उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किया जाए. वहीं पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत में कोरम बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए जाए. वार्ड क्षेत्र में होने वाले विकास कार्य की शिलालेख पट्टी पर पंचायत समिति सदस्य का भी नाम लिखा जाए. पंचायत समिति द्वारा किसी भी पंचायत में कार्यों को लेकर पंचायत समिति सदस्य के अनुशंसा अनिवार्य करें और सदस्यों के निर्वाचन शेट्रनम आने वाली पंचायतों के विकास कार्यों की प्रगति विवरण उपलब्ध करवाने के दिशा-निर्देश दिए जाए.


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