Rajasthan Loksabha: राजस्थान की 18 लोकसभा सीटों पर रिप्लेस हो सकते हैं उम्मीदवार, जयपुर में होगी अहम बैठक
राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारियां जोरों पर है, विधानसभा चुनाव में मिली जीत से पार्टी उत्साहित है. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्विप की हैट्रिक बनाने की जोर आजमाइश शुरू हो गई है. इसे लेकर शुक्रवार को जयपुर में एक बड़ी बैठक होने जा रही है.
Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारियां जोरों पर है, विधानसभा चुनाव में मिली जीत से पार्टी उत्साहित है. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्विप की हैट्रिक बनाने की जोर आजमाइश शुरू हो गई है. इसे लेकर शुक्रवार को जयपुर में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति और उम्मीदवार की दावेदारी पर चर्चा होगी.
लोकसभा चुनाव को लेकर होने वाली बैठक के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, विद्या रहाटकर और राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी समेत प्रदेश भर के पदाधिकारी शामिल होंगे. जिसमें मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम समेत मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल होंगे. इस बैठक को लेकर तैयारियां पूरी हो गई है. साथ इस बैठक में हाल ही में करणपुर सीट पर मिली हार पर भी चर्चा होगी और जिन क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है, वहां क्या करना है इसे लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी.
राजस्थान की कुल 25 लोकसभा सीटों पर एक बार फिर क्लीन स्विप करने के लिए भाजपा एक मेगा प्लान तैयार कर रही है. 2014 में भाजपा ने सभी 25 की 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी, तो वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत एक सीट आरएलपी को दी गई थी, जबकि 24 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार भाजपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी. वहीं पार्टी के पास कुछ सीटों पर भीतरघात की भी रिपोर्ट है, ऐसे में कुछ सांसदों का रिप्लेस होना तय माना जा रहा है. वहीं चर्चाएं यह भी है कि पार्टी 25 की 25 सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है.
पार्टी का फोकस श्रीगंगानगर, चूरू, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, अलवर, राजसमंद, बांसवाड़ा, सवाई माधोपुर-टोंक, करौली-धौलपुर, दौसा, जालौर, भीलवाड़ा, भरतपुर, नागौर और उदयपुर सीट पर रहने वाला है. इन सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत नहीं है. विधानसभा चुनाव के नतीजों में भी इसकी झलक देखने को मिली थी, ऐसे में पार्टी किसी तरह का कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है.
वहीं विधानसभा चुनाव की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी पार्टी कुछ नए एक्सपेरिमेंट कर सकती है. साथ ही चर्चा है कि पार्टी 30 से 60 साल की उम्र के बीच के नेताओं को तवज्जो देगी. वहीं सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ जैसे नेताओं को भी लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है.
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