Lok Sabha Chunav 2024:भीलवाड़ा चुनाव के लिए पार्टियों ने घोषित किया प्रत्याशी,जानें किस पार्टी का रहा दबदबा
Lok Sabha Chunav 2024:राजस्थान के भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहुल इलाका है. यही वजह है कि अब तक हुए 16 चुनाव में 8 बार ब्राह्मण प्रत्याशी ने बाजी मारी.फिलहाल भीलवाड़ा से बीजेपी के सुभाष चंद्र बहेड़िया सांसद हैं.
Lok Sabha Chunav 2024:राजस्थान के भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहुल इलाका है. यही वजह है कि अब तक हुए 16 चुनाव में 8 बार ब्राह्मण प्रत्याशी ने बाजी मारी.यहां की जनता ने 9 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, 1 बार जनता दल, 1 बार बीएलडी के प्रत्याशी को चुनाव में जिताकर संसद भेजा.
यूपीए सरकार के दौरान यहां के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी के कार्यकाल में भीलवाड़ा में दो इस्पात कारखाने और रेलवे कोच फैक्ट्रियों का शिलान्यास हुआ लेकिन केंद्र में सरकार बदलते ही ये प्रजोक्ट खटाई में पड़ गए. फिलहाल भीलवाड़ा से बीजेपी के सुभाष चंद्र बहेड़िया सांसद हैं.
सुभाष बहेड़िया ने वर्ष 1996 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था.उस समय उन्होंने मेवाड़ महाराणा महेंद्र सिंह को पराजित किया था.इसके बाद वापस 2014 और वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लडा,2019 के चुनाव में उन्होंने राजस्थान में सर्वाधिक 6 लाख 12 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.सांसद बहेड़िया की यह जीत देश में चौथे नंबर पर थी.
लोकसभा क्षेत्र की कुल मतदाता : 21,25,306 मतदाता वाले इस लोकसभा क्षेत्र में 10,80,093 पुरुष और 10,45,203 महिला मतदाता हैं. अकेले भीलवाड़ा जिले की सात विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 28 लाख है, जिसमें भीलवाड़ा शहर की जनसंख्या 5 लाख से ऊपर है.
टेक्सटाइल सिटी के नाम से विख्यात है भीलवाड़ा : टेक्सटाइल सिटी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर तेजी से बढ़ता राजस्थान का सातवां बड़ा शहर है. लगभग 20 हजार करोड़ रुपए के कपड़े के सालाना कारोबार वाले भीलवाड़ा में अब वैल्यू एडिशन के रूप में रेडीमेड गारमेंट का काम भी तेजी से बढ़ रहा है.
भीलवाड़ा देश में बिहार के बाद अभ्रक (माइका) उत्पादन में दूसरे स्थान पर रहा था. अभी भी भीलवाड़ा में जिंक, आयरन ,सॉफ्ट स्टोन और चायना क्ले के प्रचुर भंडार होने के कारण यह माइनिंग क्षेत्र में भी अपना प्रमुख स्थान रखता है.
ब्राह्मण जाति का रहा प्रभुत्व : भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व हमेशा रहा है. यहां से कांग्रेस ने 10 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. इसमें से 6 बार कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार को जीत मिली थी. इसके अलावा भाजपा के राजपूत उम्मीदवार वी.पी. सिंह बदनोर दो बार, जनसंघ और फिर लोक दल के उम्मीदवार के रूप में हेमेंद्र सिंह बनेड़ा भी यहां दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे. ब्राह्मणों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में गुर्जर और राजपूत मतदाताओं का खासा प्रभाव है.
पिछले 2-3 चुनाव के नतीजे
भीलवाड़ा संसदीय सीट
2019: बीजेपी से सुभाष चंद्र बहेडिया (6 लाख 12 हजार से जीते )
2014: बीजेपी से सुभाष चंद्र बहेडिया (246264 से जीते)
(2014) का चुनाव में सुभाष बहेड़िया भाजपा वोट मिले 630317 कुल प्रतिशत था 57.19
अशोक चांदना कांग्रेस को वोट मिले 384053 प्रतिशत था 34.85
जीत का अंतर: 246264 वोट का था
2009: डॉ. कांग्रेस से सीपी जोशी
(2009) के लोकसभा चुनाव में डॉ सी. पी. जोशी विजयी हुए थे. जोशी ने भाजपा के विजेंद्र पाल सिंह को हराया था. इसमें सी पी जोशी को 413128 मत (54.77%) मिले वहीं भाजपा की ओर से विजेंद्र पाल सिंह को 277760 (36.82% ) मत मिले थे.
सीट से जुड़ी भौगोलिक और ऐतिहासिक ...कोई रोचक जानकारी
वोटों का गणित...जातिगत मतों की संख्या
भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आसीन्द, मांडल, सहाड़ा, भीलवाड़ा शहर, शाहपुरा, जहाजपुर, मांडलगढ़ और हिंडोली हैं. इनमें से केवल हिंडोली विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां के कांग्रेस के अशोक चांदना विधायक हैं.
जबकि 6 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर आरएसएस समर्थक निर्दलीय विधायक का कब्जा है. इन परिस्थितियों में कांग्रेस के डॉक्टर सीपी जोशी के ''विकास के मॉडल'' को जनता पसंद करती है या भाजपा के दामोदर अग्रवाल के ''मोदी फैक्टर'' को, यह लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पता चल जाएगा.
भीलवाड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान राज्य के 25 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है.
यह सामान्य श्रेणी की संसद सीट है. इसमें पूरा भीलवाड़ा जिला शामिल है. बूंदी जिले का हिस्सा हिंडोली शामिल है.
लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 52.22% है .
भीलवाड़ा संसदीय सीट पर एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 339,818 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17.1% है.
भीलवाड़ा संसदीय सीट पर एसटी मतदाता लगभग 212,635 हैं जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 10.7% हैं.
भीलवाड़ा संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 334,775 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 16.8% है.
भीलवाड़ा संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 1,597,742 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 80.4% है.
भीलवाड़ा संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 389,499 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 19.6% है.
2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार भीलवाड़ा संसदीय सीट पर कुल मतदाता - 1987241.
2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार भीलवाड़ा संसदीय सीट के मतदान केंद्रों की संख्या - 2219.
2019 के संसदीय चुनाव में भीलवाड़ा संसदीय सीट पर मतदाता मतदान - 65.5%.
2018 विधानसभा चुनाव में भीलवाड़ा संसदीय सीट पर मतदान - 75.3%.
अब तक भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे
1952 हरिराम, राम राज्य परिषद
1957 रमेशचंद्र व्यास, कांग्रेस
1962 कालूलाल श्रीमाली, कांग्रेस
1967 रमेशंचद्र व्यास, कांग्रेस
1971 हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जनसंघ
1977 रूपलाल, जनता पार्टी
1980 गिरधारीलाल व्यास, कांग्रेस
1984 गिरधारीलाल व्यास, कांग्रेस
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1989 हेमेंद्र सिंह, जनता पार्टी
1991 शिवचरण माथुर, कांग्रेस
1996 सुभाष बहेड़िया, भाजपा
1998 रामपाल उपाध्याय, कांग्रेस
1999 वीपी सिंह, भाजपा
2004 वीपी सिंह, भाजपा
2009 डॉ. सीपी जोशी, कांग्रेस
2014 सुभाष बहेड़िया, भाजपा
इस बार आमने-सामने प्रत्याशी
कैंडिडेंट्स की ताकत और कमजोरी
प्रत्याशी का थोड़ा बैकग्राउंड GFX
जीत हार का की-पॉइन्ट और खास फैक्टर
क्या हैं इस सीट के खास मुद्दे, और स्थानीय समस्याएं
मतदाता वैसे अभी मौन है लेकिन मुद्दों की बात करने पर कहते हैं कि लोकसभा में स्थानीय मुद्दे ज्यादा मायने नहीं रखते. आम मतदाता राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई, भ्रष्टाचार, कालाधन, नोटबंदी, जीएसटी जैसे मुद्दों पर दोनों ही दलों की सोच, नीतियों और घोषणाओं को परख रहा है.
कुछ साल पहले तक गर्मियों में भीलवाड़ा शहर में बीसलपुर से ट्रेन से पानी आता था, लेकिन चम्बल परियोजना आने से पानी की समस्या दूर हुई हैं, लेकिन अभी भी कई कॉलोनियों में पेयजल संकट बना हुआ है. भीलवाड़ा के उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित पानी भी बड़ी समस्या है.
लंबे समय से जिले में कोई बड़ा कारखाना नहीं लग पाया है. अवैध खनन भी जिले की बहुत बड़ी समस्या है. अफीम नीति में संशोधन से यहां के किसानों को खासा फायदा हुआ है. नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई से भी किसान खुश है.
लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख मुद्दे :
1. ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक पेयजल के लिए चंबल का पानी नहीं पंहुचा, इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र में पानी का संकट है.
2. क्षेत्र में भूमिगत जल स्रोतों में पानी की कमी, जहां डार्क जोन होने के कारण सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने से लोग पलायन को मजबूर हैं.
3. सिंचाई के लिए यहां लोगों और राजनेताओं की ओर से ईआरसीपी से जोड़ने की मांग है.
4. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में सैंड स्टोन, अभ्रक, ग्रेनाइट, फेल्सपार व सोडा का खनन किया जाता है. यहां नई खनन नीति लाने का बड़ा मुद्दा है.
5. वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में महंगी बिजली होने से वस्त्र उद्यमी पलायन को मजबूर है.
6. वस्त्र नगरी होने के बाद भी टेक्सटाइल पार्क की घोषणा नहीं होने से व्यापारी मायूस.
अगर कैंडिडेट रिपीट है तो पिछली बार के वादों और दावों की हकीकत रिपीट कैंडिडेट ने कोई प्रोमिनेंट काम किया हो तो
कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर सीपी जोशी साल 2009 से 2014 तक लोकसभा में भीलवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस दौरान सीपी जोशी, मनमोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे. उसे समय डॉक्टर जोशी ने भीलवाड़ा में पीने के पानी की गंभीर समस्या को चंबल नदी से पानी लाकर पूरा किया था.
आज इस चंबल के पानी और सड़कों के विकास के नाम पर डॉक्टर जोशी चुनावी मैदान में उतरे हैं.भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दामोदर अग्रवाल का यह पहला चुनाव है. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 3 साल तक ब्यावर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में काम किया था.
इस चुनाव में संघ की पृष्ठभूमि के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर दामोदर अग्रवाल चुनावी मैदान में उतरे हैं. अग्रवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 काल के शासनकाल के आधार पर वोट मांगने निकले हैं. अग्रवाल कहते हैं कि वह साल 2047 तक विकसित भारत की कल्पना के साथ भीलवाड़ा के विकास के मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में उतरे हैं.
दामोदर अग्रवाल वर्ष 1971 से ही राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं. इनका जन्म लोकसभा क्षेत्र के जहाजपुर कस्बे में हुआ था, वहीं वर्तमान में भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर निवासरत हैं. दामोदर अग्रवाल भाजपा जिला अध्यक्ष, प्रदेश कार्य समिति सदस्य सहित संगठन के कई पदों पर रहे हैं.
इसके अलावा भीलवाड़ा नगर परिषद में दामोदर ने साल 2005 से 2010 तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई. वहीं वर्तमान में मेवाड़ में लोकसभा चुनाव के प्रभारी के साथ ही प्रदेश भाजपा महामंत्री की पद पर हैं. दामोदर अग्रवाल की संगठन में अच्छी पकड़ है. वहीं उनके पस संगठन चलाने का लंबा अनुभव भी है.
नए कैंडिडेट के क्या वादें हैं
भाजपा प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल के वादे - भीलवाड़ा में एम्स की स्थापना, टेक्सटाइल पार्क, एयर कनेक्टिविटी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना. सास्कृतिक उन्नयन, विकसित भारत का संकल्प और विकसित भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र मुद्दा है.
कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी का कहना है की मंदिर बनने से देश की समस्या का निराकरण नहीं होता है.
आने वाले सालों में हम बेरोजगारी दूर करेंगे, महंगाई कम करेंगे. भाजपा ने विगत 10 सालो के क्या बेरोजगारी दूर करने के लिए काम किया, महंगाई दर कम करने के लिए काम किया. इसलिए धर्म और आस्था व्यक्तिगत निष्ठा का सवाल होता है देश का निर्माण करने का काम नीति के आधार पर होता है और नीति निर्माण का काम हर पार्टी में होना चाहिए. हम नीति निर्माण का काम करके देश के विकास को गति देगे.
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