Rajasthan Lok Sabha Election 2024: प्रदेश में दूसरे चरण की 13 लोकसभा सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया है. दूसरे चरण की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र का चुनाव भी रोचक बन गया हैं. यहां पर भी कांग्रेस बीजेपी के बीच सीधी टक्कर हैं. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल (Prahlad Gunjal) हैं तो वहीं बीजेपी के प्रत्याशी ओम बिड़ला (Om Birla) हैं.


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कोटा RSS का गढ़ माना जाता है. दूसरी तरफ इस सीट पर ब्राह्मण और वैश्य समुदाय के वोटर्स की एक बड़ी तादाद हैं.कोटा शहर में अधिकतर बड़े व्यवसाय भी इन्हीं वर्ग के हाथों में हैं.कोटा में कोचिंग सेंटर भी अधिकतर इसी वर्ग के पास है. चुनाव में बिड़ला का पक्ष मजबूत करने के लिए उनके पास एक मजबूत नेटवर्क के साथ कार्यकर्ताओं भी अच्छी खासी तादाद है.इस क्षेत्र में राम मंदिर का मुद्दा और पीएम मोदी का नाम बिड़ला को मजबूत स्थिति में लाता है और इसका फायदा उन्हें मिल सकता है.इसलिए ओम बिड़ला भी अपने चुनाव को मोदी और राष्ट्रीय मुद्दों को आस पास बनाकर रखना चाहते हैं.


शहर से अलग कोटा के ग्रामीण क्षेत्र में इस बार ओम बिड़ला को कभी उनके सहयोगी रहे प्रहलाद गुंजल से कड़ी टक्कर मिल रही हैं. चूंकि प्रहलाद गुंजल सालों से बीजेपी में थे और चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही प्रत्याशी भी घोषित किए गए. गुंजल गुर्जर नेता है और गुर्जर वोट इस बार लामबंद होकर प्रहलाद गुंजल की तरफ हो गया है. गुर्जर मतदाता भी इस सीट पर 1.90 लाख के आसपास है. ऐसे में अभी तक गुर्जर मतदाताओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता रहा है लेकिन गुंजल के चलते गुर्जर का बड़ा वर्ग कांग्रेस की तरफ मूव कर रहा है.



कांग्रेस की रणनीति अब यहां पर मुस्लिम, मीणा के साथ एससी एसटी वोट को अपने पक्ष में साधने की है. हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए अमीन पठान की गिरफ्तारी का मामला भी छाया हुआ है. ओम बिड़ला के पास सत्ता विरोधी लहर की कोई काट नहीं हैं और कांग्रेस यहां इसी लहर को अपनी ताकत बनाने का प्रयास कर रही हैं . यहीं कारण है कि कोटा शहर में एयरपोर्ट का मुद्दा ओम बिड़ला के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा हैं. कोटा के दिग्गज नेता भी मानते है कि पिछले 15 साल में पहली बार कोटा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा हैं.