Lok Sabha Election 2024 : बृजेंद्र ओला का बड़ा बयान, बोले- नहीं लड़ना चाहता था चुनाव, लेकिन पार्टी संकट में है, तो जरूर लड़ूंगा
Jhunjhunu News : राजस्थान में कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनावों के लिए जबरदस्ती टिकट देने के बयानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब इसी कड़ी में नया नाम झुंझुनूं लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला का जुड़ गया है.
Jhunjhunu : राजस्थान में कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनावों के लिए जबरदस्ती टिकट देने के बयानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब इसी कड़ी में नया नाम झुंझुनूं लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला का जुड़ गया है. कांग्रेस प्रत्याशी और झुंझुनूं से विधायक बृजेंद्र ओला ने लोकसभा क्षेत्र के खेतड़ी विधानसभा में अपने दौरे के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा, कि वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनसे पूछा भी था, कि किस नेता का नाम टिकट के लिए लेना है. तब उन्होंने मना कर दिया था, कि उनका नाम मत लीजिएगा है.
बृजेंद्र ओला ने आगे कहा, कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी मैं मना करके आया था, कि किसी को भी टिकट दे दीजिए. मैं उसकी मदद कर दूंगा. लेकिन पार्टी ने आदेश दिया और कहा कि पार्टी संकट में है. इसलिए जब पार्टी में संकट की बात आई, तो मैंने भी कहा कि चुनाव जरूर लड़ेंगे. इस मौके पर मंच पर पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, खेतड़ी प्रधान मनीषा गुर्जर, महिला कांग्रेस की नेता आकांक्षा ओला समेत अन्य नेता भी मौजूद थे. आपको बता, दें कि इससे पहले जयपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रतापसिंह खाचरियावास भी इसी तरह का बयान दे चुके है. वहीं, जयपुर से सुनील शर्मा और राजसमंद से सुदर्शन रावत टिकट मिलने के बाद कांग्रेस को अपनी टिकट वापिस लौटा चुके हैं. इस तरह के हालात और फिर बयानबाजी कांग्रेस को आने वाले चुनावों में नुकसान पहुंचा सकती है.
पार्टी के सीनियर लीडरों ने किया आदेश- ओला
बृजेंद्र ओला ने कहा, कि मैं तो चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता था. क्योंकि विधायक बना हुआ था. गोकुल जी ने मुझे फोन किया, कि डॉक्टर साहब को बुलाया है. डॉक्टर साहब पूछ रहे हैं, कि किसका कहना है. मैंने कहा, मेरा तो कहना नहीं है. कहा ना मैंने आपको. पर इन सब लोगों ने. चाहे प्रधान जी है. डॉक्टर साहब है. और हमारे जितने भी सीनियर नेता थे. सबने, ये कहा कि इनको चुनाव लड़वाना है. अशोक गहलोत जी हैं, सचिन पायलट जी हैं. दोनों को मैं मना करके आया कि आप किसी को भी लड़वा दीजिए. मैं उसकी मदद करूंगा. पर दोनों ने मुझे आदेश दिया. फिर हमारे अध्यक्ष महोदय ने भी आदेश दिया. हमारे रंधावा जी ने भी आदेश दिया. आखिरी में जो दिल्ली ने निर्णय किया. आपके भरोसे पर किया. क्योंकि कुछ लोगों से जानकारी की होगी. सर्वे किया होगा. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी बहुत संकट में है. तो इस समय तो इनको ही लड़वाना चाहिए. तो मैंने कहा कि पार्टी संकट में है. तो जरूर लड़ेंगे.