Lok Sabha Chunav 2024,  Ashok Gehlot, Lokesh Sharma : राजस्थान में दूसरे चरण के चुनाव से ठीक पहले, सियासी भूचाल आ गया है. अशोक गहलोत के तत्कालीन OSD लोकेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 2020 में सामने आए ऑडियो टेप समेत अन्य मुद्दों पर बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा, कि जिस व्यक्ति का यह सारा कारनामा किया था, उसने ही किनारा कर लिया. आज उन्होंने इस केस के बारे में बात तक करना बंद कर दिया है. जिसने आज तक जो कहा, जो निर्देश मिले, सिर्फ उन्हीं का पालन किया गया. उन्होंने कहा, कि मेरा दायित्व था, कि मैं उस भरोसे को बरकरार रखूं, लेकिन मैं अकेला कब तक यह सह पाता. बता दें, कि दूसरे चरण में जोधपुर में लोकसभा की वोटिंग होनी है, और यहां से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मैदान पर हैं. ऐसे में राजस्थान की सियासत पर पैनी नजर रखने वाले लोकेश शर्मा के खुलासे की टाइमिंग को खास बता रहे हैं.


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16 जुलाई 2020 को मुझे ऑडियो क्लिप्स मिली - लोकेश शर्मा


लोकेश शर्मा ने कहा, कि 16 जुलाई 2020 को मुझे ऑडियो क्लिप्स मिलीं, उन क्लिप्स में विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात जा रही थी. 16 जुलाई को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत होटल फेयरमाउंट आए थे. उनके होटल से निकलने के एक घंटे बाद, मेरे पास पूर्व सीएम गहलोत  के PSO रामनिवास का फोन आया था, और कहा कि, सीएम अशोक गहलोत ने आपको बुलाया है. मैं पिंक हाउस पहुंचा, तो गहलोत मेरा इंतजार कर रहे थे. तो सीएम ने मुझे एक प्रिंटेड कागज और एक पेन ड्राइव दी, उसमें यह सारा ऑडियो था, जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात थी. लोकेश बोले, कि हमारे नौजवान नेता सचिन पायलट ने कहा था, कि हमारी सुनवाई नहीं हो रही थी, वे सभी दिल्ली अपनी बात कहने गये थे.



क्या है पूरा मामला?


बता दें, कि साल 2023 में जब अशोक गहलोत की सरकार संकट में थी,  तब गहलोत के OSD रहे, लोकेश शर्मा ने 3 ऑडियो टेप मीडिया के साथ साझा किए थे. बता दें, कि इसके कुछ दिनों बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन ऑडियो टेप के प्रकरण में दिल्ली क्राइम ब्रांच में केस दर्ज करवाया था. इसके बाद से ये तीन ऑडियो क्लिप गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा की गले की फांस बने हुए हैं. इस मामले में वो कई बार सफाई भी दे चुके हैं. 



पेपर लीक के मुद्दे पर भी बोले लोकेश शर्मा



लोकेश शर्मा ने कहा, कि वर्तमान सरकार इस मामले में अच्छा काम कर रही है, हमारी तत्कालीन सरकार ने रीटोत्सव बड़े जोर-शोर से कराया था, सरकार की तरफ से युवाओं के साथ खड़े होने का अहसास कराया, जिन नौजवानों के भविष्य की परवाह गहलोत ने सीएम रहते नहीं की, उससे ज्यादा गहलोत अपने पुत्र के भविष्य के लिए चिंतित दिख रहे हैं. कई हफ़्तों तक तो तत्कालीन सीएम ने यह स्वीकार भी नहीं किया, कि पेपर लीक हुए हैं.