Rajasthan Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव में बस संचालकों को राहत मिल सकती है. चुनाव के लिए अधिग्रहीत की गई बसों के लिए दरें बढ़ाई जा सकती हैं. दरअसल बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने प्रदेश में वाहन अधिग्रहण की दरें कम बताते हुए इन्हें बढ़ाए जाने की मांग की है.


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बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान की ओर से दिए गए ज्ञापन के आधार पर परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों में बस अधिग्रहण की दरों का अध्ययन कराया है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए करीब 40 हजार वाहनों का अधिग्रहण किया गया है.


इनमें करीब 17000 बसें और मिनी बसें शामिल हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक करीब 10500 बसें और 6500 मिनी बसों का अधिग्रहण चुनाव सम्बंधी कार्यों के लिए किया गया है. जबकि टैक्सी और जीप वाहनों को मिला लिया जाए तो कुल अधिग्रहीत वाहनों का आंकड़ा 40 हजार से अधिक है. बस ऑपरेटर्स का आरोप है कि बस के अधिग्रहण के दौरान काफी कम भुगतान किया जा रहा है.


भुगतान की यह दर पड़ौसी राज्य पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और गुजरात की तुलना में अत्यधिक कम है. बस ऑपरेटर्स की मांग पर परिवहन विभाग ने निर्वाचन विभाग को दरें बढ़ाने के सम्बंध में पत्र लिखा था. इसके बाद निर्वाचन विभाग ने वित्त विभाग को इसे लेकर जरूरी कवायद के निर्देश दिए थे. वित्त विभाग ने परिवहन विभाग से तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही बस संचालकों को राहत मिल सकती है.



मध्यप्रदेश में कितनी हैं किराया दरें


- 13 से 20 सीटर बस के लिए 2500 रुपए प्रतिदिन


- 21 से 30 सीटर बस के लिए 3000 रुपए प्रतिदिन


- 31 से 40 सीटर बस के लिए 3500 रुपए प्रतिदिन


- 41 सीट से अधिक क्षमता की बस के लिए 4000 रुपए प्रतिदिन


बस संचालकों की क्या है मांग


- पंजाब में बड़ी बस के लिए 4500 रुपए प्रतिदिन है किराया


- जबकि राजस्थान में मात्र 2250 रुपए प्रतिदिन किराया


- इसे बढ़ाकर 5000 रुपए किए जाने की मांग


- बस संचालकों ने कहा, प्रतिदिन 1200 रुपए लोक परिवहन बस का टैक्स


- चालक-परिचालक को प्रतिदिन 1500 रुपए वेतन देना पड़ता


- प्रतिदिन एक बस की बीमे की राशि ही 300 रुपए