Rajasthan Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में दो चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे.19 अप्रैल और 26 अप्रैल को राजस्थान में चुनाव होगा. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अभी राजस्थान की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. राजस्थान में बीजेपी ने 15 तो कांग्रेस ने 10 सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा की है.


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कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले एक से दो दिन में बीजेपी राजस्थान की बची 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है. वहीं कांग्रेस ने नागौर सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. जबकि बीजेपी ने इस बार नागौर सीट से ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार घोषित किया है. 26 अप्रैल को नागौर सीट पर चुनाव होगा.



नागौर लोकसभा सीट चुनावी समीकरण


नागौर सीट की बात करें तो इस बार बीजेपी को नागौर सीट पर कड़ी चुनौती मिल सकती है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार बीजेपी ने गठबंधन का निर्णय नहीं लेते हुए ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया है.नागौर जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीतने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है.



कौन हैं ज्योति मिर्धा
यूं तो नागौर में जाट समुदाय की बड़ी आबादी है, लेकिन आजादी के बाद से ही नागौर सीट पर मिर्धा परिवार की पकड़ रही है. जाट समुदाय के वोटर्स में मिर्धा परिवार का बहुत सम्मान है, माना जा रहा है कि ज्योति मिर्धा को पार्टी में शामिल कर भाजपा ने कांग्रेस और रालोपा पार्टी के जाट वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है.ज्योति मिर्धा मारवाड़ के ताकतवर सियासी परिवार से संबंध रखती है. वह कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व नाथूराम मिर्धा की पोती है. किसी समय नाथूराम मिर्धा प्रदेश के जाट समाज व किसानों के बड़े नेता थे, उनकी जाट वोटर्स और किसान वोटर्स में मजबूत पकड़ रही.


नागौर लोकसभा सीट पर मिर्धा परिवार का दबदबा रहा है. ग्रामीणों आंचल के किसान मिर्धा परिवार को ज्यादा पसंद करते हैं. नागौर की लोकसभा सीट लंबे समय से मिर्धा परिवार के कब्जे में रही. मिर्धा परिवार से नाथूराम मिर्धा , रामनिवास मिर्धा , भानूप्रकाश मिर्धा के साथ ज्योति मिर्धा भी लोकसभा चुनाव जीत चुकी है. चार दशक तक इस नागौर लोकसभा सीट पर मिर्धा परिवार का कब्जा रहा है.


नागौर सीट पर वोटर्स का गणित


नागौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें 70 फीसदी आबादी जाटों की है.  इस सीट से जाट समुदाय के कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग हमेशा उठती रही है. नागौर में पुरुष मतदाताओं की संख्या करीब 10,08,903 है. वहीं नागौर में 9,24,258 महिला मतदाता हैं. 2019 के चुनाव में नागौर से हनुमाने बेनीवाल को 660051 वोट मिले थे.


हनुमान बेनीवाल दे सकते हैं बीजेपी को कड़ी चुनौती


हनुमान बेनीवाल की बात करें तो उन्होंने अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत छात्र राजनीति से की थी.  2008 में बीजेपी से खींवसर सीट पर विधायक बने. बाद में उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. बाद में वह एक बार फिर 2013 मे निर्दलीय विधायक बने.  2018 में उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाई.


चर्चा है कि नागौर से बीजेपी के पास कोई बड़ा जाट चेहरा नहीं होने की वजह से उन्होंने ज्योति मिर्धा को टिकट दिया.इसके अलावा, युवाओं के बीच प्रभाव रखने वाले हनुमान बेनीवाल मिर्धा को कड़ी चुनौती दे सकते हैं. फिलहाल हनुमान बेनीवाल ने यह साफ नहीं किया है कि वह इस साल चुनाव में किसी अन्य दल का समर्थन करेंगे या नहीं?