Udaipur News: प्रदेश में कभी कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाने वाली उदयपुर लोकसभा सीट पर पिछले एक दशक से बीजेपी का कब्जा है. आजादी के बाद से अब तक इस लोकसभा में कांग्रेस ने 10 बार तो बीजेपी ने कुल 5 बार जीत दर्ज की है.


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प्रदेश की सियासत में बरसों से एक बात कही जाती है कि जो मेवाड़ जीतता है, वहीं राजस्थान भी जीतता है. उदयपुर लोकसभा सीट मेवाड़ संभाग की चार सीटों में से एक है. आजादी के बाद उदयपुर सीट पर हुए 17 लोकसभा चुनाव में 10 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी और 2 बार अन्य का कब्जा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद इस लोकसभा का मिजाज बदला और यह बीजेपी का गढ़ बन गया. उदयपुर शहर की जनता के बीच मोदी फैक्टर और राष्ट्रीय मुद्दे हावी हैं लेकिन इस बार कांग्रेस से बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल रही है.



उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों से अलग बीजेपी पूरी तरह से मोदी के चेहरे और राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी को यहां अपने कोर वोट बैंक पर भरोसा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उदयपुर में बीजेपी के होर्डिंग्स में पीएम मोदी का चेहरा ही नजर आता है. दूसरी तरफ कांग्रेस के ताराचंद मीणा प्रचार के मामले में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. साथ ही कांग्रेस पर्यटन, सफाई, बेरोजगारी, संविधान जैसे मुद्दों के जरिए बीजेपी को घेरने में जुटे हैं.



लोकसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प
कांग्रेस को उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की ग्रामीण जनता से बड़ी उम्मीद है कांग्रेस अपनी ताकत भी ग्रामीण इलाकों में लगा रही हैं. दूसरी तरफ वो बाप पार्टी से अंदरूनी समर्थन भी हासिल करने की कोशिश कर रही हैं तो वहीं, बीजेपी के मन्नालाल राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर लगातार मुखर हो रहे हैं. इस बीच भारतीय आदिवासी पार्टी के बढ़ते प्रभुत्व ने इस लोकसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प बना दिया है.