Didwana,Nagaur News: नागौर के डीडवाना में जिस भूखंड का आवंटन कर नामांतरण किया था,अब उसी भूखंड की पत्रावली गायब होने का मामला सामने आया है. आपको बता दें कि भ्रष्टाचार, गड़बड़ियों और धांधली को लेकर विवादों और चर्चाओं में रहने वाली डीडवाना नगर पालिका का अब नया कारनामा सामने आया है. नगर पालिका में पत्रावलियां गायब होने की कई बार शिकायतें सामने आ चुकी है, तो वहीं अब नगर पालिका द्वारा आवंटित नेहरू कॉलोनी का नक्शा ओर नामांतरण की पत्रावली ही नगरपालिका से गायब हो गई है.


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यही नहीं नेहरू कॉलोनी के जिस भूखंड को तत्कालीन कर्मचारी को आवंटित किया गया था. जिसके बाद उस भूखंड सहित आसपास के कई भूखंडों पर नगरपालिका के नाक के नीचे लोगों ने कब्जा भी कर लिया है.इस सम्बंध में नागौर निवासी विनोद कुमार राखेचा ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर जांच की मांग की है. उन्होंने ज्ञापन में बताया कि नगरपालिका डीडवाना ने उसके पिता बस्तीमल राखेचा को वर्ष 1968 में नेहरू कॉलोनी में प्लॉट संख्या 65 आवंटित किया था, जिसकी संपूर्ण राशि भी नगर पालिका को जमा करवा दी गई. जिसके बाद उनके पिता ने उक्त भूखंड को उसके नाम गिफ्ट डीड कर दिया था. जिसका पंजीयन उप पंजीयक कार्यालय डीडवाना में भी दर्ज किया गया है.


इसके बाद नगरपालिका ने उक्त भूखंड का नामांतरण उसके नाम से जारी भी कर दिया गया, तत्पश्चात उसने इस भूखंड का पट्टा बनवाने के लिए नगर पालिका में आवेदन दिया, लेकिन नगर पालिका के कर्मचारियों ने पट्टा जारी करने के बजाय भू माफियाओं से मिलीभगत कर उक्त भूखंड पर ही अतिक्रमण करवा दिया. विनोद कुमार ने आरोप लगाया कि उनकी पट्टा आवेदन की पत्रावली नगरपालिका कार्यालय से गायब कर दी गई और जब उन्होंने नेहरू कॉलोनी का नक्शा मांगा तो नगरपालिका ने लिखित जवाब में बताया कि उनके पास उक्त कॉलोनी का नक्शा ही उपलब्ध नहीं है.


विनोद कुमार के अनुसार उनके पिता को आवंटित, पंजीकृत और नामांतरित भूखंड का पट्टा बनवाने के लिए उन्होंने आवेदन दिया था, उसी भूखंड पर कुछ लोग कब्जा कर चारदीवारों का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने नगरपालिका के कार्मिकों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि नगरपालिका के कार्मिक उक्त भूखंड को खुर्दबुर्द करना चाहते हैं. इस भूखंड के अलावा आसपास के कई भूखंडों पर भी भू माफियाओं ने कब्जे कर चारों ओर चारदीवारी निर्मित कर ली है लेकिन,आश्चर्य की बात है कि नगर पालिका द्वारा अब तक किसी भी अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे नगर पालिका की बेशकीमती जमीनों पर आए दिन कब्जे हो रहे हैं.